उच्च न्यायालय ने एनडीएमसी 2009 नियमों को खारिज किया

Thursday, Aug 17, 2017 - 11:56 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एनडीएमसी के 2009 के नियमों को खारिज कर दिया है जिसके तहत वह कथित तौर पर खाली पड़ी भूमि पर संपत्ति कर वसूल कर रही थी। न्यायमूर्ति मुरलीधर और न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पीठ ने नए नियमों के तहत नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की ओर से की गई कार्रवाई को भी ‘अमान्य’ कर दिया जो संपत्ति कर के प्रयोजनों के लिए उचित मूल्य पर पहुंचने की विधि में बदलाव के बारे में आया था।

कुछ साल पहले 28 रिट याचिकाएं दायर की गईं थीं जिन्हें बाद में एक साथ जोड़ दिया गया था। इनमें व्यक्तियों के समूह, कॉरपोरेट्स और रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशनों ने आरोप लगाया था कि 2009 एनडीएमसी नियमों के तहत नगर निकाय खाली और अनिर्मित भूमि पर भी उसी दर से संपत्ति कर वसूल रही है जिनती दर से वह निर्मित क्षेत्र पर वसूल करती है।

इन नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा कि अदालत नियमों को खारिज करती है क्योंकि यह एनडीएमसी अधिनियम में दिए गए अधिकार से परे है और वे एनडीएमसी अधिनियम की धारा 388 (1) ए (9) के तहत एनडीएमसी में निहित शक्तियों के क्षेत्र और दायरे से बाहर हैं।

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