हाईकोर्ट के जज बोले, मोर सेक्स नहीं करता इसलिए वह ''राष्ट्रीय पक्षी''

Thursday, Jun 01, 2017 - 11:08 AM (IST)

नई दिल्ली: देश में गोहत्या को लेकर एक बार फिर से बहस जारी हो गई है। बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार से सिफारिश करते हुए कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए व गोहत्या करने वालों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान होना चाहिए। जस्टिस महेश चंद्र शर्मा बुधवार को ही रिटायर भी हो गए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने मोर को राष्ट्रीय पक्षी क्यों घोषित किया इसलिए न क्योंकि मोर आजीवन ब्रह्मचारी रहता है। इसके जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुग कर गर्भवती होती है। मोर कभी भी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता। मोर पंख को भगवान कृष्ण ने इसलिए लगाया क्योंकि वह ब्रह्मचारी है।

साधु संत भी इसलिए मोर पंख का इस्तेमाल करते हैं। मंदिरों में इसलिए मोर पंख लगाया जाता है। ठीक इसी तरह गाय के अंदर भी इतने गुण हैं कि उसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि देशभर के कई लोग मानते हैं कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए लेकिन पहली बार किसी कोर्ट इस बाबत सिफारिश रखी है। वहीं जज महेश जाते-जाते में अपने बयान से देश को विवाद का नया मुद्दा दे गए हैं। दरअसल उन्होंने मोर पर जो उदाहरण दिया है वो विवादित हैं क्योंकि मोर भी दूसरे पक्षियों की तरह सेक्स करता है और मोरनी अंडे देती है जिनसे बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे में लोग एक बार फिर से नए मुद्दे को लेकर उलझ गए है।

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