AAP के दफ्तर को लेकर उच्च न्यायालय ने LG के आदेश को किया रद्द

Wednesday, Aug 23, 2017 - 01:51 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में आम आदमी पार्टी को आवंटित बंगला रद्द करने का उपराज्यपाल (एलजी) का आदेश खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई के लिए कोई कारण नहीं दिया गया है। न्यायमूर्ति विभू बखरू ने इस मामले को राजनीतिक पार्टी को सुनने के बाद आठ हफ्ते में तर्कसंगत फैसला लेने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास वापस भेज दिया। अदालत ने कहा कि 12 अप्रैल का आवंटन रद्द करने वाले आदेश में यह नहीं बताया गया कि किस कानून या नियम का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि राजनीतिक पार्टियों को परिसर आवंटित करने की अगर नीति है तो उसे समान रूप से लागू करना चाहिए।  

आप ने दायर की थी याचिका
दरअसल आप की आेर से वरिष्ठ वकील अरूण कथपालिया के माध्यम से दायर याचिका में कहा कि पार्टी को 31 दिसंबर, 2015 को राउज एवेन्यू में बंगला संख्या 206 आवंटित किया गया था। इसके बाद आप को इस साल 12 अप्रैल को एक संदेश मिला जिसमें कहा गया था कि उपराज्यपाल ने बंगले का आवंटन इस आधार पर रद्द कर दिया है कि यह कानून और नियमों के विपरीत है।

आप ने अपनी अर्जी में दावा किया था कि उसे एेसी कार्रवाई का निशाना बनाया जा रहा है जबकि अन्य पार्टियों को राष्ट्रीय राजधानी के बीचोंबीच आवास आवंटित हैं। पार्टी ने दलील है कि केंद्र सरकार की नीति के मुताबिक सभी पंजीकृत राजनीतिक पार्टियां आवास की अधिकारी हैं। बहस के दौरान, अतिरिक्त सॉलिटर जनरल संजय जैन और केंद्र सरकार के वकील ने कहा था कि पार्टी को दक्षिण दिल्ली के साकेत में आवास की पेशकश की गई थी लेकिन आप ने इसे लेने से इनकार कर दिया। 

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