ये राज्य सरकारें तीर्थयात्रियों को देती हैं यात्रा के लिए सब्सिडी

Friday, Jan 19, 2018 - 04:45 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्र सरकार ने पिछले दिनों इस वर्ष से हज यात्रियों को यात्रा पर मिलने वाले सब्सिडी खत्म करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद हज यात्रियों को 2018 से यात्रा सब्सिडी नहीं मिलेगी। सरकार ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 2012 के फैसले के मद्देनजर किया है जिसमें हज सब्सिडी 2022 तक धीरे-धीरे खत्म करने का निर्देश दिया गया था। जहां केंद्र सरकार ने हज सब्सिडी बंद कर दी है वहीं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा संचालित तीर्थयात्राओं को प्रदान की जाने वाली सब्सिडी चर्चा में आ गई है। इसी देश में तमाम राज्य सरकारें अजमेर से लेकर यरूशलम तक की तीर्थयात्रा के लिए सब्सिडी दे रही हैं। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए तो ज्यादातर सरकारें भारी सब्सिडी देती हैं। कई राज्य विभिन्न धार्मिक स्थलों की तीर्थयात्रा को सब्सिडी देते हैं, जिनमें से कई राज्य वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त यात्रा और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।

उन राज्यों पर एक नजर जो देते हैं तीर्थयात्रियों को सब्सिडी
दिल्ली

दिल्ली सरकार ने इसी साल 60 साल से अधिक आयु के नागरिकों को मुफ्त तीर्थयात्रा कराने का फैसला लिया है। सरकार तीर्थयात्रियों को वातानुकूलित बसों से यह यात्रा करवाएगी। तीन दिन और दो रात की यात्रा में सरकार होटल में रहने, बस और भोजन का खर्च उठाने के साथ ही नागरिक का दो लाख रुपए का बीमा भी कराएगी। शुरुआत में पांच तीर्थस्थलों का चयन किया गया है। इसमें मथुरा, वृन्दावन, हरिद्वार, ऋषिकेश, नीलकंठ, पुष्कर, अजमेर, अमृतसर, वाघा और वैष्णो देवी शामिल हैं।


मध्यप्रदेश
2012 में मध्य प्रदेश ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरू थी। यह अपनी तरह की पहली योजना थी। 2012 में ही सितंबर में रामेश्वरम की यात्रा हुई जो प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए थी जो आयकर का भुगतान नहीं करते हैं। सरकार ने शुरू में 17 तीर्थस्थानों की लिस्ट बनाई जिसमें मुसलमानों के लिए अजमेर शरीफ, बौद्धों के लिए गया, सिखों के लिए अमृतसर, जैनों के लिए श्रवणबेलगोला और सम्मेद शिखर, ईसाइयों के लिए वेलांगडी चर्च नागापट्टिनम (तमिलनाडु) के साथ साथ हिंदुओं के कई तीर्थस्थलों मसलन वैष्णो देवी, अमरनाथ, तिरुपति, काशी, बद्रीनाथ, केदारनाथ, द्वारका पुरी, जगन्नाथ पुरी, हरिद्वार, शिरड़ी और रामेश्वरम की तीर्थयात्राओं का विकल्प दिया था. 60 साल से अधिक के लोग और 65 साल से अधिक के वृद्ध सहायकों के साथ ये यात्राएं फ्री में करते हैं, उनका रुकना, आना-जाना और खाना सरकार की तरफ से होता है।


विदेशी तीर्थयात्रा के लिए भी खर्च
भाजपा सरकार ने विदेश स्थित तीर्थ यात्रा के लिए भी सुविधाएं प्रदान की थी जिसमें सरकार 30,000 रुपए या 50 फीसदी खर्च खुद वहन करती थी। इन तीर्थ स्थलों में ननकाना साहिब, हिंगलाज माता मंदिर (पाकिस्तान), मानसरोवर (चीन), अंगकोरवाट (कंबोडिया), सीता मंदिर(श्रीलंका) शामिल थे।


राजस्थान
राजस्थान में साल 2013 में कांग्रेस सरकार ने सीनियर नागरिक तीर्थयात्रियों के लिए सभी खर्चों वाली रेलवे यात्रा शुरू की। साल 2013-14 में 41,390 तीर्थयात्रियों को 2014-15 में 6,914 और 2015-16 में 8,710 लोगों के लाभान्वित होने वाली इस योजना को भाजपा सरकार ने इसका नाम बदला था, साथ ही इसको हवाई सेवा से जोड़ा गया। चालू वर्ष की योजना में सरकार ने श्रद्धालुओं को जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम
वैष्णो देवी, तिरुपति, द्वारिका पुरी, अमृतसर सहित 13 स्थानों की यात्रा करवाई थी।

गुजरात
गुजरात सरकार 2001 से श्रद्धालुओं को मानसरोवर यात्रा करवा रही है। पिछले साल ही मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुजरात के 57 वें स्थापना दिवस के अवसर पर श्रवणतीर्थ दर्शन योजना और सिंधु दर्शन यात्रा शुरू की है। सरकार मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को 23 हजार रुपए सहायता देती है। अब तक कई नागरिक इस यात्रा का आनंद ले चुके हैं। चार दिवसीय सिंधु यात्रा के लिए सरकार 15-1500 रुपए यात्रियों को देती है।

उत्तराखंड
उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने साल 2014 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘मेरे बुजुर्ग, मेरे तीर्थ’ नाम से योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत श्रद्धालुओं को गंगोत्री, बद्रीनाथ और रीठा-मीठा साहिब जैसे धर्मस्थलों की यात्रा करवाई जाती है। साल 2017 में भाजपा सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मातृ-पितृ कर दिया। साथ ही गंगोत्री और बदरीनाथ के अलावा राज्य के पौड़ी जनपद स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर, कुमाऊं के जागेश्वर धाम, ऊधमसिंह नगर के नानकमत्ता, हरिद्वार के पिरान कलियर दरगाह आदि की यात्रा को इसमें शामिल किया।


हरियाणा
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 6 मार्च 2017 को वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ दर्शन नामक योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत BPL वाले वरिष्ठ नागरिको को निःशुल्क यात्रा करवाई जाएगी, लेकिन जो वरिष्ठ नागरिक BPL वर्ग में नहीं आते है उनको 70% राशि विभाग और 30% लाभार्थी भुगतान करेगा। इस योजना में भारतीय रेलवे केटरिंग और टूरिज़्म कॉर्पोरेशन द्वारा प्रत्येक वर्ष अधिकतम 250 वरिष्ठ नागरिकों को विशेष स्थलों पर ले जाया जाएगा। 50 बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को सरकार लद्दाख में सिंधु दर्शन के लिए 10,000 रुपए जबकि 50 बुजुर्ग नागरिकों के मानसरोवर की यात्रा के लिए 50,000 रुपए देती है। बते वित्त वर्ष में सरकार ने सिंधू यात्रा के लिए पांच लाख रुपए और मानसरोवर यात्रा के लिए 25 लाख रुपए दिए।


हिमाचल प्रदेश
पांच साल फिर सत्ता में आई भाजपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थयात्रा का वादा किया है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही अपने इस वादे को अमली जामा पहना सकती है। फिलहाल सरकार देव भूमि कहे जाने वाले हिमाचल में ही तीर्थस्थलों की यात्रा बुजुर्ग को करवाएगी। हालांकि सरकार बाद में इसमें और तीथस्थल शामिल कर सकती है।


छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत छत्तीसगढ़ के निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति) को उनके जीवनकाल में एक बार, प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न नामनिर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक या एक से अधिक स्थानों की यात्रा सुलभ कराने हेतु शासकीय सहायता प्रदान करना है। पिछले साल सरकार ने शिरडी, द्वारिका सोमनाथ व बाबा बैजनाथ धाम की यात्रा बुजुर्गों को करवाई। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार दिव्यांग यात्रियों को भी निशुल्क यात्रा करवाती है। यात्रा के लिए यात्री ऑनलाइन आवेदन करते हैं।

उत्तर प्रदेश
साल 2015 से उत्तर प्रदेश में 100 श्रद्धालुओं को सिंधु दर्शन के लिए 10,000 रुपए दिए जाते हैं। यूपी में मानसरोवर और सिधु यात्रा के लिए सब्सिडी दी जाती है। मानसरोवर यात्रा के लिए 50,000 दिए जाते थे जिसे इस बार भाजपा सरकार ने बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है।


कर्नाटक
2014 में कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक के निवासियों के लिए योजना शुरू की थी। सलाना 1500 लोगों को सब्सिडी दी जाती है। यात्री एक समय में 20,000 रुपए का फायदा उठा सकते हैं। पूर्व भाजपा सरकार ने 30, 000 की सब्सिडी दी थी। राज्य का सलाना बजट 5 करोड़ का है।


तमिलनाडु
तमिलनाडू में ईसाइयों और हिंदुओं दोनों को सब्सिडी मिलती है। ईसाइयों को यरुशलम और हिंदुओं को मानसरोवर के लिए 40,000 और नेपाल के मुक्तिनाथ जाने के लिए 10,000 रुपए धनराशि दी जाती है। जबकि 500 ईसाइयों को यरुशलम जाने के लिए 20-20 हजार रुपए सब्सिडी दी जाती है।

असम
राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने साल 2004-05 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए धर्मज्योति योजना शुरू की थी। इसके तहत विभिन्न तीर्थस्थलों की बस यात्रा पर 50 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। मौजूदा भाजपा सरकार ने साल 2017 में पुण्यधाम यात्रा योजना शुरू की। इसके तहत 3,000 तीर्थयात्रियों को हर साल जगन्नाथ मंदिर, वृंदावन, अजमेर शरीफ, मथुरा और वैष्णो देवी की यात्रा कराई जाती है।

ओडिशा
ओडिशा राज्य सरकार ने साल 2016 में वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना शुरू की थी। इसके तहत बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को 100 फीसदी और गैर बीपीएल यात्रियों को उम्र के मुताबिक 50 से 70 फीसदी तक की टिकट में रियायत दी जाती है।

ये राज्य नहीं देते सब्सिडी
पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने 2016 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरु की थी और इसके तहत 2017 तक 139 करोड़ रुपए भी खर्च हुए लेकिन मौजूदा कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही इस योजना को बंद कर दिया। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल की सरकारें तीर्थयात्रियों को कोई सब्सिडी नहीं देती है।

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