गुजरात में भारी वर्षा का दौर जारी, बाढ़ग्रस्त वडोदरा में फिर से अलर्ट

Sunday, Aug 04, 2019 - 05:34 AM (IST)

वडोदरा: गुजरात में जारी भारी से अति भारी वर्षा के दौर के बीच आणंद जिले के खंभात में 385 मिलीमीटर बरसात हुई जबकि बाढ़ ग्रस्त वडोदरा शहर में स्थिति में सुधार के बीच शनिवार रात आठ बजे तक लगभग साढ़े तीन ईंच (89 मिमी) वर्षा होने और मौसम विभाग की ओर से आगामी 36 घंटे में भारी वर्षा की चेतावनी जारी किए जाने के मद्देनजर प्रशासन ने फिर से एहतियाती अलर्ट जारी किया है। 


राज्य में शनिवार सुबह छह बजे समाप्त हुए 24 घंटे के दौरान 33 जिलों के 174 तालुका में हुई वर्षा (सर्वाधिक 269 मिमी सूरत के मांगरोल तालुका में) और तब से शनिवार रात आठ बजे तक 162 और तालुका में वर्षा हुई है इसमें सर्वाधिक खंभात में 385 मिमी है। सूरत के ओलपाड में 322 मिमी, उमरपाडा में 266, मांगरोल में 216 मिमी, आणंद में 201 मिमी, वलसाड के धरमपुर में 170 , भरूच के हंसोट में 195, सूरत के कामरेज में 183, वापी में 157 मिमी और सूरत शहर में 146 मिमी वर्षा हुई है। राज्य में कुल मानसूनी वर्षा का 54 प्रतिशत से अधिक अब तक हो चुका है। 


वर्षा के कारण कई स्थानों पर सड़क यातायात बाधित हुआ है। औरंगा, पूर्णा, कोलक, विश्वामित्री और अंबिका आदि नदियों में उफान आने से आसपास के गांवों को सतर्क किया गया है। वैसे बरसात के कारण राज्य के जलाशयों में जल संग्रह की स्थिति में सुधार भी हुआ है और शनिवार सुबह तक सभी 204 जलाशयों का कुल संग्रह क्षमता के 31 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया था।       


इस बीच, वडोदरा में अगले 36 घंटे में राज्य के कुछ अन्य इलाकों के साथ ही भारी से अति भारी वर्षा होने की चेतावनी के बीच जिला प्रशासन ने फिर से एहतियाती अलर्ट जारी किया है। कलेक्टर शालिनी अग्रवाल ने बताया कि निचले इलाके के लोगों को एहतियाती सतकर्ता के बारे में अलर्ट किया गया है। हालांकि भयभीत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह तैयार और किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है। एनडीआएफ की टीमे अब भी शहर में मौजूद हैं। 


ज्ञातव्य है कि गत 31 जुलाई को एक ही दिन में 499 मिमी वर्षा के कारण वडोदरा में बाढ़ आ गई थी। लगभग 9 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। वर्षा और वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई थी। सेना और वायु सेना की भी सहायता राहत कार्य में ली गयी थी। एनडीआरएफ की टीम ने शनिवार सुबह भी एक नवजात शिशु और छोटे बच्चे और कई महिलाओं समेत दर्जन भर से अधिक लोगों को जलभराव वाले इलाके से सुरक्षित निकाला। 


शहर के कई हिस्से में अब भी कई फुट पानी भरा हुआ है। राहत और बचाव कार्य जारी है। शहर के बीचो बीच बहने वाली विश्वामित्री नदी का जलस्तर फिर से बढने की आशंका है। इसमे बड़ी संख्या में रहने वाले मगरमच्छ भी शहर में बह कर पहुंच गए हैं। आज वडसर के नजदीक से 11 फुट के एक मगर को पकड़ा गया। अब तक कम से कम 5 मगरमच्छों को रिहायशी इलाकों से पकड़ा भी जा चुका है। राहत एजेंसियों की ओर से स्थानांतरित लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई स्थानों पर लोग निचली मंजिल के अपने जलमग्न आवासों को छोड़ ऊपरी मंजिलों पर रह रहे हैं। जिले के मंजूसर औद्योगिक क्षेत्र में भी जलजमाव से उत्पादन पर असर पड़ा है। हवाई अड्डा भी बाढ़ की वजह से बंद हो गया था पर अब इसे शुरू कर दिया गया है।

 
शहर की सिटी बस सेवा भी चरमरा गई थी जो अब धीरे धीरे सुचारू हो रही है। सयाजीगंज चिड़ियाघर तथा सरकारी एसएसजी अस्पताल परिसर में भी जलजमाव हो गया था। इस बीच शनिवार को भारी वर्षा के कारण ओलपाड में गणेश नगर, दीप नगर, गायत्री नगर के कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है। कुछ सरकारी कार्यालयों में भी पानी भर गया। उधर धरमपुर के धोबी धोवाण इलाके में पानी में फंसी एक कार को अग्निशमन कर्मियों ने निकाला। इसमें तीन लोग सवार थे। उधर भारी वर्षा और जलजमाव के कारण रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने स्थिति की समीक्षा के लिए राजधानी गांधीनगर में राज्य आपात संचालन केंद्र आकर बैठक और संबंधित इलाकों के अधिकारियों से बातचीत भी की। 

shukdev

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