Strep Throat: दिल पर भारी न पड़ जाए गले में इंफैक्शन

Wednesday, Jan 01, 2020 - 05:46 PM (IST)

जालंधर(सोमनाथ): सुनने में अटपटा जरूर है कि गले की इंफैक्शन से किसी को हार्ट अटैक की नौबत आ सकती है लेकिन मैडिकल साइंस के मुताबिक हृदय रोग का एक कारण Strep Throat(गले में बैक्टीरियल इंफैक्शन) से जुड़ा हुआ है। स्ट्रैप थ्रोट(Strep Throat) में फैरिंक्स (खाने की नली, ग्रसनि ) में सूजन आ सकती है। स्ट्रैप बैक्टीरिया से और सोर थ्रोट वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है। समय पर गले की खारिश और बैक्टीरियल इंफैक्शन का इलाज नहीं करवाने से इंफैक्शन के दौरान आने वाला बुखार(Rheumatic fever) जानलेवा हो सकता है। 

    

Rheumatic fever और इसका दिल से संबंध कैसे
आयुर्वेद में Rheumatic fever को वातरोग, आमवात रोग और गठिया कहा गया है। Rheumatic fever का इलाज समय पर नहीं होने से हृदय के वाल्व धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं या कह लें हार्ट वाल्व डैमेज हो जाते हैं। आमतौर पर बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 5 दिनों के भीतर सोर थ्रोट होता है, जोकि स्ट्रैप थ्रोट के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक होता है। इसमें खाना इत्यादि खाने के दौरान गले में दर्द होगा और गले में सूजन आ जाती है। स्ट्रैप थ्रोट के लक्षणों में अचानक बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना, भूख की कमी और लिम्फ नोड्स में सूजन होना शामिल हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो डॉक्टर की सलाह मुताबिक एंटीबायोटिक्स लेने से आराम मिलता है।

कुछ दिन खुद को दूसरों से दूर रखें– बैक्टीरियल इंफैक्शन होने पर एंटीबायोटिक दवाएं लेने के बाद आपको कुछ दिन आराम करना चाहिए और लोगों से दूर रहना चाहिए ताकि इन्फेक्शन  न फैले। स्ट्रैप बैक्टीरियल के जरिए फैलता है और यह इंफैक्शन आपके आसपास वाले व्यक्ति को सिर्फ खांसी से भी फैल सकता है।

Anil dev

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