सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक मामले की आज SC में होगी सुनवाई

Tuesday, Jul 24, 2018 - 06:04 AM (IST)

नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से लेकर 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ मंगलवार को सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई में मंदिर में पूजा के लिए महिलाओं के 41 दिन का वृत रखे जाने को असंभव बताने की दलीलों से असहमति जताते हुए सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि कानून असंभव को मान्यता नहीं देता,जो चीज सीधे नहीं की जा सकती उसे परोक्ष रूप से किया गया है।

मंदिर प्रबंधन देखने वाले त्रवणकोर देवासम बोर्ड के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने निश्चित आयु की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी को जायज ठहराते हुए कहा था कि सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पा बाल ब्रह्मचारी हैं और भगवान की शुद्धता बनाए रखने के लिए 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है क्योंकि धारणा है कि इस उम्र की महिलाओं को मासिक धर्म होता है। उन्होंने कहा था कि इसे लिंग आधारित भेदभाव नहीं कहा जा सकता क्योंकि 10 से कम और 50 से अधिक आयु की महिलाओं पर रोक नहीं है। यहां तक कि इस मंदिर में किसी भी जाति या धर्म के व्यक्ति पर रोक नहीं है।

'क्‍या है मामला ?'
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकतीं हैं।यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती हैं। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। सबरीमाला मंदिर में हर साल नवम्बर से जनवरी तक, श्रद्धालु अयप्पा भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं। बाकि पूरे साल यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए मकर संक्रांति का दिन बहुत खास होता है, इसीलिए उस दिन यहां सबसे ज़्यादा भक्त पहुंचते हैं।

Pardeep

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