आईएएस अधिकारियों की ‘अनौपचारिक हड़ताल’ के खिलाफ याचिका पर 18 जून को होगी सुनवाई

Friday, Jun 15, 2018 - 05:57 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय शुक्रवार को उस याचिका पर 18 जून को सुनवाई के लिए तैयार हो गया जिसमें उपराज्यपाल को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि दिल्ली के आईएएस अधिकारियों की कथित ‘‘ अनौपचारिक हड़ताल ’’ समाप्त हो और वे लोकसेवक के तौर पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को दायर की गई यह याचिका एक अन्य याचिका की के जवाब में आई है जिसमें मांग की गई थी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहयोगियों के आईएएस अधिकारियों की ‘‘ हड़ताल ’’ के खिलाफ धरने को असंवैधानिक और अवैध घोषित किया जाए। केजरीवाल के धरने के खिलाफ दायर उक्त याचिका को भी 18 जून को सुनवायी के लिए सूचीबद्ध किया गया।

न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस याचिका को शुक्रवार को रखा गया और इसे 18 जून के लिए सूचीबद्ध किया गया है। याचिका में यह मांग की गई है कि आईएएस अधिकारियों से कहा जाए कि वे दिल्ली सरकार के मंत्रियों द्वारा बुलाई गई बैठकों में हिस्सा लें और लोकसेवक के तौर पर अपने आधिकारिक कामकाज के तहत कर्तव्यों का निर्वहन करें।

अधिवक्ता उमेश गुप्ता की ओर से दायर अर्जी में ‘‘ केंद्रीय सिविल सेवा/आईएएस आचरण नियम का उल्लंघन करने वाले आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई’’ की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि पिछले तीन चार महीने से दिल्ली सरकार के मंत्रियों के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद ‘‘ प्रमुख विभागों में तैनात वरिष्ठ (आईएएस) अधिकारी जरूरी सार्वजनिक कार्यों के लिए मंत्रियों की ओर से बुलाई गई बैठकों में हिस्सा लेने से खुलेआम इनकार कर रहे हैं। इसमें आरोप लगाया गया है कि इससे एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें आईएएस अधिकारियों के कदम से सार्वजनिक कार्य धीमा हो गया है।

Yaspal

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