Health Insurance क्लेम सेटलमेंट को लेकर सामने आई बड़ी जानकारी...50% से ज्यादा Claims रिजेक्ट

punjabkesari.in Friday, Jan 03, 2025 - 11:07 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट को लेकर एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। लोकलसर्कल्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले 3 सालों में Health Insurance दावे दाखिल करने वाले 50% से अधिक पॉलिसीधारकों के दावे या तो खारिज कर दिए गए या आंशिक रूप से स्वीकृत किए गए।

दावे की मंजूरी और डिस्चार्ज में देरी
सर्वेक्षण में शामिल 10 में 6 से  पॉलिसीधारकों ने कहा कि उनके दावे को मंजूरी मिलने और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने में 6 से 48 घंटे का समय लगा। लोकलसर्कल्स ने बताया कि पिछले छह महीनों में दावों के निपटान में देरी को लेकर प्लेटफॉर्म पर हजारों शिकायतें दर्ज की गईं। इन्हीं मुद्दों को समझने के लिए यह राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया गया।

सर्वेक्षण के मुख्य आंकड़े
-सर्वेक्षण में 327 जिलों के एक लाख से अधिक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों की प्रतिक्रियाएं एकत्रित की गईं।
-केवल 25% पॉलिसीधारकों ने बताया कि उनके दावे पूरी तरह स्वीकृत हुए।
-6% ने कहा कि उनके दावे स्वीकृत हुए लेकिन बीमा कंपनी के साथ कई बार बातचीत के बाद।
-33% दावेदारों ने कहा कि उनके दावे "आंशिक रूप से अस्वीकृत" कर दिए गए, और इसका कारण "अवैध" बताया गया।
-36% पॉलिसीधारकों के दावे "पूरी तरह खारिज" कर दिए गए।

 IRDAI का निर्देश और उसका पालन
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि दावों को तुरंत या एक घंटे के भीतर निपटाया जाए, ताकि अस्पताल से छुट्टी में देरी न हो। हालांकि, लोकलसर्कल्स ने बताया कि कई पॉलिसीधारकों की शिकायतें दिखाती हैं कि यह निर्देश जमीन पर लागू नहीं हो रहा है।

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दावे निपटाने में लगने वाला समय
30,366 पॉलिसीधारकों के बीच किए गए सर्वेक्षण में यह पाया गया:
-21% ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने में 24-48 घंटे का समय लगा।
-12% के अनुसार, यह प्रक्रिया 12-24 घंटे में पूरी हुई।
-14% ने कहा कि इसमें 9-12 घंटे लगे।
-12% ने कहा कि इसे 6-9 घंटे लगे।
केवल 8% ने दावा किया कि उनका दावा तुरंत निपटा दिया गया।

बीमा कंपनियों का प्रदर्शन
इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, निजी क्षेत्र की कंपनियों में 2023-24 में सबसे अधिक दावा निपटान अनुपात एचडीएफसी एर्गो (94.32%) द्वारा किया गया, जबकि सबसे कम अनुपात बजाज आलियांज (73.38%) का रहा।

पॉलिसीधारकों की मांग
सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश पॉलिसीधारकों का मानना है कि बीमा कंपनियों के पास दावों की प्रक्रिया के लिए पारदर्शी वेब-आधारित संचार प्रणाली नहीं है। उन्होंने IRDAI से अनुरोध किया है कि ऐसी प्रणाली को अनिवार्य बनाया जाए।

आगे की कार्रवाई
लोकलसर्कल्स ने कहा है कि वह इस सर्वेक्षण के नतीजे IRDAI और अन्य संबंधित प्राधिकरणों को साझा करेगी, ताकि नीतियों में और सुधार लाए जा सकें।


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Content Writer

Anu Malhotra

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