NSA अजीत डोभाल की तबीयत बिगड़ी: किस बीमारी से जूझ रहे हैं जानिए लक्षण और खतरा

punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 11:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की सेहत को लेकर बीते कुछ दिनों से कयासों का बाज़ार गर्म है। 80 साल के डोभाल ने हाल ही में रूस के मॉस्को में होने वाली एक अहम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बैठक में भाग लेने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। इसके पीछे वजह बताई गई है — मौसमी फ्लू। एक तरफ ये बीमारी आम तौर पर हल्की मानी जाती है, वहीं दूसरी तरफ डोभाल की उम्र को देखते हुए इसे हल्के में लेना मुश्किल है। तो सवाल ये उठता है कि आखिर मौसमी फ्लू क्या होता है? और ये उम्रदराज़ लोगों के लिए इतना जोखिम भरा क्यों हो जाता है?

क्या होता है मौसमी फ्लू और कैसे फैलता है?

मौसमी फ्लू यानी इन्फ्लूएंजा, एक वायरल बीमारी है जो तेज़ी से फैलती है। यह वायरस खांसने, छींकने या संक्रमित सतह को छूने के बाद आंख, मुंह या नाक के संपर्क में आने से शरीर में प्रवेश करता है। आमतौर पर यह बीमारी हर साल सर्दियों या मौसम बदलने के दौरान फैलती है।

सामान्य नहीं है यह बीमारी बुज़ुर्गों के लिए

यूं तो मौसमी फ्लू अधिकतर लोगों में खुद ही ठीक हो जाता है, लेकिन 80 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए ये बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। एक मेडिकल स्टडी के मुताबिक, इस उम्र में फ्लू के कारण निमोनिया, सांस की तकलीफ, ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि हार्ट की समस्याएं भी उभर सकती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। ऐसे में वायरस के खिलाफ शरीर की लड़ाई कमजोर पड़ जाती है, और फ्लू खतरनाक रूप ले लेता है।

मौसमी फ्लू के मुख्य लक्षण

  • तेज़ बुखार (100°F से ऊपर)

  • ठंड लगना और पसीना आना

  • सूखी खांसी और गले में खराश

  • सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द

  • भूख कम लगना

  • नाक बंद होना या बहना

  • लगातार थकान

इन लक्षणों की शुरुआत आमतौर पर अचानक होती है और कुछ ही घंटों में व्यक्ति पूरी तरह से कमजोर महसूस करने लगता है।

डोभाल की उम्र में कितना बड़ा खतरा है फ्लू?

80 की उम्र में शरीर पहले की तरह ताकतवर नहीं रह जाता। साथ ही अगर कोई पहले से हृदय रोग, डायबिटीज या फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहा हो, तो फ्लू का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा फ्लू से डिहाइड्रेशन, ब्लड प्रेशर में गिरावट और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन जैसी समस्याएं भी उभर सकती हैं, जो अस्पताल में भर्ती तक की नौबत ला सकती हैं।

सावधानी ही है बचाव का तरीका

बुज़ुर्गों को मौसमी फ्लू से बचाने के लिए डॉक्टर नियमित रूप से वैक्सीनेशन और समय पर इलाज की सलाह देते हैं। फ्लू के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और घर पर आराम के साथ दवाओं का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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