HC का केजरीवाल सरकार को आदेश, नहीं रहे राजधानी में कोई भूखा

Thursday, Jun 04, 2020 - 09:44 AM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। भेदभाव पूर्ण अनाज वितरण को लेकर दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वो ये सुनिश्चित करें कि राजधानी में कोई भूखा न सोए। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की डिविजन बैंच ने सरकारों को जन कल्याण योजनाओं के लाभ को और बढ़ाने के आदेश दिए हैं। 

दरअसल एक एनजीओ ने दिल्ली में भेदभाव पूर्ण राशन वितरण को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान जो भी राशन और राहत किट बांटी जा रही है उसका लाभ केवल उन्हीं को मिल रहा है जिनके पास राशनकार्ड है। बिना राशनकार्ड वाले गरीब मजदूर इस योजना से वंचित रह रहे हैं। इस याचिका में कहा गया कि आधार और वोटर आईडी कार्ड जिनके पास है उनको भी इस योजना का लाभ मिलना चाहिए। 

 

दिल्ली सरकार ने दिया ये जवाब
सुनाई के दौरान दिल्ली सरकर की ओर से बताया गया कि राजधानी में पहले से ही बिना राशन कार्ड के भी लोगों को फ्री राशन दिया जा रहा है। सरकार इस बात का पूरा ध्यान रख रही है कि कोरोना लॉकडाउन के कारण दिल्ली में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन और दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्टैंडिंग काउंसिल अनुज अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि सरकार की ओर से पहले से ही फ्री राशन बांटा जा रहा है।

 

बनाए गए कई राहत केंद्र
वहीं पका हुआ भोजन भी जरूरतंमंदो को उपबल्ध करवाया जा रहा है। सरकार राशन कार्ड और बिना राशन कार्ड वाले लोगों में इस समय किसी भी प्रकार का भेद नहीं कर रही है। दिल्ली सरकार ने पहले लॉकडाउन से ही प्रवासी मजदूरों के पलायन और उनकी परेशानियों को देखते हुए सैकड़ों राहत केंद्र बनाए, जहां उनके रहने खाने की व्यव्सथा की गई। दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना भी चलाई जिसमें जरूरतमंद लोगों को खाने के लिए फ्री कूपन दिए जाते हैं। 

Murari Sharan

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