दिल्ली हिंसा पर HC की टिप्पणी, यह सोची-समझी साजिश थी...बेरहमी से किया गया पुलिस पर हमला
Tuesday, Sep 28, 2021 - 01:09 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए इसे एक सोची-समझी साजिश बताया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह सबकुछ अचानक नहीं हुआ था, इसको लेकर सुनियोजित ढंग से एक योजना बनाई गई। हाईकोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली हिंसा की कुछ वीडियो का हवाला भी दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ये इस तथ्य से भी स्पष्ट है कि सैकड़ों दंगाइयों ने बेरहमी से पुलिस के एक दल पर लाठियों डंडों, हॉकी स्टिक और बैट से हमला किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान आरोपी कथित तौर पर तलवार लिए हुए था।
दरअसल सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि ‘‘शहर में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए यह पूर्व नियोजित साजिश'' थी और ये घटनाएं ‘‘पल भर के आवेश में नहीं हुईं।'' जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की कथित हत्या से संबंधित मामले में आरोपी मोहम्मद इब्राहिम द्वारा दाखिल जमानत याचिका पर विचार करते हुए कहा कि घटनास्थल के आसपास के इलाकों में CCTV कैमरों को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया गया।
अदालत ने कहा कि फरवरी 2020 में देश की राष्ट्रीय राजधानी को हिला देने वाले दंगे स्पष्ट रूप से पल भर में नहीं हुए, और वीडियो फुटेज में मौजूद प्रदर्शनकारियों का आचरण, जिसे अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड में रखा गया है, स्पष्ट रूप से चित्रित करता है। यह सरकार के कामकाज को अस्त-व्यस्त करने के साथ-साथ शहर में लोगों के सामान्य जीवन को बाधित करने के लिए सोचा-समझा प्रयास था।'' इब्राहिम की जमानत याचिका को खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को तलवार के साथ दिखाने वाला उपलब्ध वीडियो फुटेज ‘‘काफी भयानक'' था और उसे हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त है। याचिकाकर्ता इब्राहिम को दिसंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। उसने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि उसने कभी भी किसी विरोध प्रदर्शन या दंगों में भाग नहीं लिया था।