Pahalgam Attack: हनीमून बना मौत का काल! लेफ्टिनेंट विनय नरवाल पंचतत्व में विलीन

punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 08:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क; एक नई शुरुआत, एक नई ज़िंदगी, और ढेरों सपने... लेकिन एक आतंकी हमले ने सब कुछ छीन लिया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 26 वर्षीय नेवी अफसर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत की खबर ने पूरे हरियाणा को गमगीन कर दिया है।

 नेवी के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का बुधवार (23 अप्रैल) को करनाल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बहन सृष्टि और चचेरे भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले बहन ने अर्थी को कंधा भी दिया।" "CM नायब सैनी और पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। लेफ्टिनेंट की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा। लोगों ने विनय नरवाल अमर रहे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।"

विनय नरवाल हाल ही में शादी के बंधन में बंधे थे। 16 अप्रैल को गुरुग्राम की हिमांशी से मंसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग के बाद 19 अप्रैल को रिसेप्शन हुआ। दोनों ने यूरोप में हनीमून मनाने की योजना बनाई थी, लेकिन आखिरी वक्त पर वीजा न मिल पाने के कारण उन्होंने कश्मीर का रुख किया। यही बदलाव उनकी ज़िंदगी का सबसे दुखद मोड़ बन गया।

21 अप्रैल को पहुंचे थे पहलगाम, 22 को आतंकी हमले में शहीद
शादी के महज़ छह दिन बाद, 21 अप्रैल को विनय और हिमांशी पहलगाम की बैसरन घाटी पहुंचे। यह इलाका ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ के नाम से प्रसिद्ध है और पर्यटन के लिहाज़ से बेहद लोकप्रिय भी। लेकिन अगले ही दिन यानी 22 अप्रैल को, विनय उन 26 लोगों में शामिल हो गए जिनकी जान आतंकियों ने गोलीबारी में ले ली। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें सीने, बाजू और छाती में गोलियां मारी गईं। हमले की गंभीरता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी जान तुरंत मौके पर ही चली गई।

श्रीनगर से करनाल तक: आखिरी सफर में बहन और पिता बने साथी
लेफ्टिनेंट विनय का पार्थिव शरीर श्रीनगर एयरपोर्ट से दिल्ली लाया गया, जहां से उसे करनाल भेजा गया। उनके पिता और बहन शव लेने श्रीनगर गए थे। घर पर मातम पसरा है—गुरुग्राम और करनाल, दोनों परिवारों में शोक की लहर है। विनय की पत्नी हिमांशी, जिनके साथ वह ज़िंदगी की नई पारी शुरू कर ही रहे थे, अब गहरे सदमे में हैं।

दादा का दुख: “काश उनका वीजा लग गया होता”
विनय के दादा हवा सिंह, जो खुद बीएसएफ और हरियाणा पुलिस में सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने रोते हुए कहा, "काश यूरोप का वीजा मिल जाता, तो आज विनय हमारे बीच होता।" उन्होंने सरकार से हमलावरों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने की मांग की।

1 मई को था बर्थडे, 3 मई को थी कोच्चि वापसी
परिवार वालों के मुताबिक, विनय का जन्मदिन 1 मई को था और उसकी खास तैयारी चल रही थी। शादी के बाद यह उनका पहला जन्मदिन होता। इसके दो दिन बाद यानी 3 मई को उन्हें कोच्चि में अपनी ड्यूटी पर लौटना था।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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