कश्मीर में दो दिनों की हचलचल के बाद हड़ताल से फिर पसरा सन्नाटा

Monday, Nov 21, 2016 - 07:10 PM (IST)

श्रीनगर : अलगाववादियों के इस सप्ताहांत में अपना बंद समाप्त करने के बाद फिर से बंद आहूत करने के कारण कश्मीर में सोमवार को जनजीवन प्रभावित हुआ। सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने पर 133 दिनों तक जारी अशांति के बाद पिछले दो दिनों के दरम्यान घाटी में हलचल देखने को मिली थी। हालांकि बंद के आह्वान के कारण सोमवार को पूरे कश्मीर में सडक़ों पर पिछले दो दिनों के मुकाबले कम वाहन देखने को मिले।
अधिकारियों ने बताया कि यहां शहर के बाहरी इलाके के अलावा सिविल लाइन्स के कुछ इलाकों में भी सार्वजनिक वाहनों चलते दिखाई दिए।


अलगाववादियों की दो दिनों की छूट के बाद आज फिर कई दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान एक फिर बंद दिखे।उन्होंने बताया कि इन इलाकों में कुछ दुकानें भी खुली दिखीं। अधिकारियों ने बताया कि घाटी के अधिकांश अन्य जिला मुख्यालयों से भी सडक़ों पर कम यातायात की खबरें मिली हैं।


घाटी के अन्य जिलों को ग्रीष्मकालीन राजधानी से जोडऩे वाली सडक़ों पर कुछ अंतर जिला कैबों का परिचालन भी देखेने को मिला। शहर के मध्य में स्थित लाल चौक से होकर गुजरने वाली टीआरसी चौकबटमालू मार्ग पर कुछ विक्रेताओं ने भी अपने स्टॉल लगा रखे थे।


अलगाववादी हर सप्ताह अलग अलग प्रदर्शन कार्यक्रम कर रहे हैं।इस बीच दक्षिण कश्मीर के शोपियां, कुलगाम, पुलवामा और अनंतनाग के अलावा उतर कश्मीर के बांडीपुरा, बारामुला, गांदरबल जिलों में भी हड़ताल से जनजीवन प्रभावित रहा। वहीं, पुलवामा के मलंगपुरा और आसपास के इलाकों में शाम को लोग विशेषकर युवक सडक़ों पर उतर आए और सुरक्षाबलों पर पत्थराव किया। पत्थराव कर रहे युवकों को खदेडने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गेस का इस्तेमाल किया। दोनो पक्षों के बीच झड़पें हुई। हालांकि, किसी के भी घायल होने की जानकारी नही है।


पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल के बावजूद समूची घाटी में हालात शांतिपूर्ण और नियंत्रण में रहे। किसी भी इलाके में किसी भी तरह की अप्रिय घटना का अनुभव नहीं किया गया।

 

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