50 लाख इंश्योरेंस हड़पने के लिए परिजन गंगा किनारे लेकर आए नकली लाश... क्रिया-कर्म से पहले लोगों को हुआ संदेह, कफन उठाया तो मचा हड़ंकप
punjabkesari.in Friday, Nov 28, 2025 - 11:08 AM (IST)
नेशनल डेस्क: हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। स्थानीय ब्रजघाट पर चार लोग दिल्ली से कार में आए और गंगा किनारे एक शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी करने लगे। उन्होंने पारंपरिक तरीके से अर्थी, लकड़ियां और घी तक खरीदकर चिता सजाई, लेकिन जैसे ही शव को चिता पर रखा गया, आसपास के लोगों को संदेह हुआ। जब लोगों ने चिता का कपड़ा हटाया, तो उन्हें कोई शव नहीं बल्कि एक पुतला पड़ा दिखा। लोगों की भीड़ बढ़ गई और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची गढ़मुक्तेश्वर पुलिस ने दो लोगों को पकड़ लिया, जबकि बाकी फरार हो गए।
दिल्ली से आया फर्जी अंतिम संस्कार का खेल
जानकारी के अनुसार, मामला दिल्ली के पालम इलाके के कपड़ा व्यापारी कमल सोमानी से जुड़ा है। उसके करोल बाग की दुकान पर करीब 23 लाख रुपये का पुश्तैनी लोन था, जो बढ़कर 50 लाख रुपये हो गया। लोन चुकाने के दबाव में सोमानी ने एक शातिराना योजना बनाई।
उसने अपनी दुकान में काम करने वाले उड़ीसा निवासी युवक अंशुल (30 वर्ष) के नाम पर ऑनलाइन 50 लाख रुपये का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस करवा दिया, बिना अंशुल को इसकी जानकारी दिए। सोमानी का प्लान था कि फर्जी अंतिम संस्कार कर शमशान घाट से पर्ची हासिल कर इंश्योरेंस का क्लेम कर लिया जाएगा।
दोस्त भी बन गया गवाह
कमल सोमानी अपने दोस्त आशीष खुराना को लेकर गढ़मुक्तेश्वर आया। आशीष को बताया गया कि किसी रिश्तेदार का अंतिम संस्कार है, इसलिए उसने मदद के लिए अपनी कार और सहयोग दिया। सोमानी ने इसे अपनी योजना का हिस्सा बनाते हुए अंशुल के नाम का डमी अंतिम संस्कार करने की कोशिश की।
पुलिस ने पकड़ा, कानूनी कार्रवाई शुरू
नगर पालिका के कर्मचारियों ने दुष्प्रयास को रोकते हुए पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कमल सोमानी को गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी अंशुल और आशीष से पूछताछ जारी है, जबकि जांच में यह सामने आया कि सोमानी ने अपने दोस्त आशीष को पूरी योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी थी।
