Happy Kiss Day 2019: ये जानकारी बना सकती है बात

Wednesday, Feb 13, 2019 - 10:50 AM (IST)

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जालंधर (शीतल): ‘प्यार’ शब्द जुबान पर आते ही आंखों में चमक, चेहरे पर रौनक व पूरे बदन में एक अजीब-सी झुनझुनाहट होने लगती है। ‘प्यार’ नदी के प्रवाह की तरह है जो सदैव चलते हुए हर तरफ खुशियां बिखेरता रहता है। प्यार करने वालों में सहजता, सरलता, त्याग, सहनशीलता और आत्मविश्वास जैसे गुण स्वयं ही आ जाते हैं। विश्वभर में प्यार को स्वीकार करते हुए मनाया जाने वाले वैलेंटाइन वीक के बारे में पहले जहां लोग बात करने में झिझक महसूस करते थे, वहीं अब हर उम्र वर्ग के लोगों की सोच में परिवर्तन आया है।

ऐसे में जब प्यार का मौसम यानी वैलेंटाइन वीक चल रहा हो तो हर कोई इस प्यार के अहसास में डूब जाना चाहता है। अभिभावक बच्चों के साथ सहज होकर वैलेंटाइन वीक के दौरान मनाए जाने वाले हर दिन को डिस्क्स करके सही-गलत की जानकारी देते हैं। इस तरह की पारिवारिक डिस्कशन्स का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि इस दिन को लेकर होने वाली अत्यधिक फुल्लड़बाजी पर कुछ हद तक लगाम लगी है।

एक स्वाभाविक क्रिया है किस
किस यानी चुंबन एक स्वाभाविक क्रिया है। मां-बाप बच्चों को जब स्नेहभाव से चूमते हैं तो एक ओर बच्चे का जहां उनके प्रति स्नेह बढ़ता है वहीं दूसरी ओर उन्हें सुरक्षा का अहसास होता है। पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका का चुंबन उनके आपसी लगाव और प्यार के इजहार को जाहिर करता है। इस प्यार के अहसास से वह जिंदगी भर एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लेते हैं।

देखा जाए तो हर रिश्ते में चुंबन के अलग-अलग अर्थ होते हैं लेकिन हर रिश्ते में चुंबन करने का मुख्य लक्ष्य प्यार का इजहार करना ही होता है। 

रक्त संचार संतुलित बनाता है चुंबन
अमरीका में चुंबन पर हुए कुछ शोधों में यह बात सामने आई कि ‘चुंबन’ करते समय चेहरे की 34 और शरीर तथा हाव-भाव उत्पन्न करने वाली 112 मांसपेशियां शामिल होती हैं। व्यक्ति के चेहरे की अलग-अलग मांसपेशियों में इससे खिंचाव होता है जिससे रक्त संचार संतुलित बना रहता है। रोज प्रात: अपने साथी को चुंबन करने से उस व्यक्ति की आयु 5 वर्ष अधिक हो जाती है।

चुंबन करने से चेहरे पर झुर्रियां भी नहीं पड़ती और चेहरे की चमक भी बढ़ती है। पति-पत्नी के प्रेम स्वरूप किए गए चुंबन से उनमें सुरक्षा की भावना के साथ आत्म-संतुष्टि भी झलकती है।

‘किस-डे’ मनाएं पर मर्यादा में रहकर
किस-डे पर मिला एक किस आपकी जिंदगी को महका सकता है लेकिन इसके लिए हर रिश्ते की मर्यादा को जानना और समझना जरूरी है। ‘फार्मल किस’ अपनी हमउम्र के दोस्तों से मिलते हुए, बड़े अपनों से छोटों को देते हैं। जुनून के साथ भरा हुआ ‘पैशनेट किस’ सारी चिंताओं को दूर करता है। 

‘रोमांटिक किस’ यह प्रेमियों को और नजदीक लाता है। ‘गुडबॉय किस’ किसी को अलविदा कहते हुए यह किस अपनों के साथ जुड़े रहने का अहसास दिलाता है। समाज की मर्यादा को निभाते हुए किस-डे पर कई लड़कियां और लड़के अपने फ्रैंड्स को ही उनके हाथ पर किस करके इस दिन को मनाएंगे। इसके अतिरिक्त ‘फ्लाइंग किस’ हवा में उछालकर एक-दूसरे को भेजा जाता है जिसका उद्देश्य सिर्फ लगाव दिखाना होता है। 

सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका का संबंध नहीं होता प्यार
रोज-डे, चॉकलेट-डे, टेडी बियर-डे, प्रॉमिस-डे, हग-डे तक तो ठीक है पर वैलेंटाइन वीक का हर दिन मनाना कुछ खास परिवार वर्गों में ही सहज है। कॉलेज गोइंग स्टूडैंट्स पर पडऩे वाले फिल्मों का असर उनके अभिभावकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। नए दौर के इस त्यौहार को हर कोई अपने ही स्टाइल में मनाना चाहता है। अक्सर युवा प्यार का संबंध सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के प्रेम से ही समझते हैं जबकि प्यार तो हर उस रिश्ते में होता है जिसे हम समाज में रहते हुए निभाते हैं। किस-डे के बारे में बात करने को लेकर अभिभावक अभी भी कुछ अधिक सहज नहीं हो पाते।

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Niyati Bhandari

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