नहीं काम आई किसी की दुआ, हिमालय से जीता, जिंदगी से हारा लांस नायक हनुमनथप्पा

Thursday, Feb 11, 2016 - 01:31 PM (IST)

नई दिल्ली: देश के वीर सपूत हनुमनथप्पा आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए। दिल्ली के आर्मी अस्पताल में आज लांस नायक हनुमनथप्पा ने 11:45 बजे अंतिम सांस ली। इससे पहले हनुमनथप्पा का ताजा मेडिकल बुलेटिन जारी हुआ था। जिसमें उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी और दवाओं का भी असर नहीं हो रहा था। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।

6 दिनों तक भारी बर्फ के नीचे दबे रहे लांसनायक

सियाचिन में 6 दिनों तक भारी बर्फ के नीचे दबे रहे लांसनायक हनुमनथप्पा की हालत काफी दिनों से गंभीर बनी हुई थी। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी किडनी और लिवर ने काम करना बंद कर दिया था। वह गहरे कोमा में थे। डॉक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक, हनुमनथप्पा के ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी और दोनों फेफड़े निमोनिया की चपेट में आ गए थे। उधर दूसरी तरफ हनुमंथप्पा की मौत के बाद पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है। 

इन दो लोगों ने की थी किडनी दान करने की पेशकश

देश के वीर सपूत को बचाने के लिए सबसे पहले यूपी के दो लोग आगे आए थे। लखीमपुर खीरी जिले की एक महिला और एक रिटायर्ड सीआईएसएफ हेडकॉन्स्टेबल प्रेम स्वरूप ने अपनी किडनी देने की पेशकश की थी। सरिता नाम की इस महिला ने कहा कि जब देश के लिए एक जवान अपनी जान दे सकता है तो क्या मैं अपनी किडनी भी नहीं दे सकती।

35 फीट नीचे बर्फ में मिले थे हनुमंतप्पा

गौरतलब है कि सियाचिन में देश की हिफाजत के लिए तैनात लांसनायक हनुमनथप्पा 35 फीट मोटी बर्फ की परत के नीचे करीब छह दिन तक दबे रहे। सेना के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वह जीवित अवस्था में मिले थे। उनकी हालत बेहद खराब थी। काफी दिनों से दिल्ली के आर.आर. अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था

पूरा देश कर रहा था उनके लिए प्रार्थना

लांस नायक हनुमंथप्पा को आर आर अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उनका हाल चाल पूछने वहां गए थे। उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों को भी यहां लाया गया था। उनके जल्द से जल्द ठीक होने की कामना के साथ देशभर में प्रार्थनाएं और दुआएं की जा रही थीं। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत अनेक नेताओं ने भी उनके स्वस्थ होने की कामना की थी।

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