फंदा, जल्लाद, चबूतरा सब तैयार, बस अब निर्भया के इंसाफ का इंतजार!

Wednesday, Dec 11, 2019 - 06:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लगाता है कि निर्भया के गुनहगारों का आखिरी वक्त करीब आ गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। और उन्हें 16 दिसंबर को फांसी दी जा सकती है। दरअसल, खबरों के मुताबिक इन दिनों दोषियों को जहां फांसी दी जाती है, उस कमरे की सफाई चल रही है और ऐसा तभी किया जाता है जब किसी कैदी को जल्द ही फांसी लगने वाली हो। हालांकि, इस पर अब भी जेल प्रशासन कुछ भी साफ-साफ कहने से इनकार कर रहा है। जेल सूत्रों का कहना है कि उन्हें अभी तक राष्ट्रपति भवन से कोई निर्देश नहीं आया है कि दोषियों की दया याचिका खारिज हुई है या नहीं। उनका कहना है कि यह सभी प्रक्रिया जेल मैनुअल के अनुसार है। इसके साथ ही ये भी खबर है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी के लिए एक डमी ट्रायल भी किया है। इस डमी ट्रायल के जरिए रस्सी की मजबूती को परखा गया है।

इधर, निर्भया के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार करने वाले तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों की नींद उड़ गई है। मीडिया में चल रही फांसी की खबरें दोषियों तक पहुंच रही हैं। हालांकि अभी उन्हें अलग सेल में रखा गया है, लेकिन दिनचर्या के दौरान जब वे दूसरे कैदियों से मिलते हैं, तो कोई न कोई उनके सामने फांसी का जिक्र कर देता है। नतीजा, वे अब घबराने लगे हैं। जेल के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जिस सेल में ये दोषी बंद हैं, वहां की अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था ने भी इन्हें बेचैन कर दिया है। इनके सेल में सीसीटीवी लगाने के अलावा देर रात तक जेलकर्मी भी वहां आते रहते हैं। रात का खाना भी सेल में ही पहुंचाया जा रहा है। इन सबके चलते चारों दोषियों को भी अब यह लगने लगा है कि उन्हें जो खबर मिल रही है, वह सही है।

आपको बता दें कि अभी तक चारों दोषियों के डेथ वारंट जारी नहीं हुए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि इन पर किसी भी वक्त साइन हो सकते हैं। निर्भया के चार दोषियों में से एक पवन को मंडोली की जेल नंबर-14 से तिहाड़ की जेल नंबर-2 में शिफ्ट कर दिया गया है। इसी जेल में निर्भया के चार दोषियों में से दो अक्षय और मुकेश भी बंद हैं। वहीं चौथे आरोपी विनय शर्मा को जेल नंबर-4 में रखा गया है। तिहाड़ की जेल नंबर- 3 में फांसी दी जाती है। सूत्रों के मुताबिक, फांसी वाले प्लेटफार्म पर कई बदलाव किए जा रहे हैं। खासतौर से लीवर खींचने के उपकरण और लकड़ी वाले फट्टे को भी बदलने की बात कही गई है।

दरअसल, लीवर के हैंडल और शॉफ्ट जैसे उपकरण जो पानी आने के कारण जाम हो चुके थे, उन्हें दोबारा से खोलकर ठीक किया जा रहा है। फांसी का प्लेटफार्म खुले में स्थित है और इस वजह से यहां बरसात का पानी आता रहता है। लंबे समय से यहां कोई फांसी नहीं दी गई है, इसलिए लीवर आदि उपकरण जंग खा चुके हैं। इसके साथ ही रस्सी का ऑर्डर भी दे दिया गया है। दरअसल, फांसी देने के लिए खास तरह की रस्सियों का इस्तेमाल होता है। जो बक्सर जेल में बनाई जाती है। इन रस्सियों में मोम लगा होता है और कई घण्टों तक नमी में रखकर इन्हें तैयार किया जाता है।

Anil dev

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