हैंड सैनिटाइजर बनाने में जुटा ISRO, वैज्ञानिक बना रहे बिजली के बिना चलने वाले वेंटिलेटर्स

Wednesday, Apr 08, 2020 - 02:48 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोरोना संकट के बीच लोगों को शायद ही पता होगा कि इन दिनों भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) किस मिशन में जुटा हुआ है। तो यहां आपको बता दें कि इस मुश्किल की घड़ी में इसरो देश के सात खड़ा है और लोगों की मदद के लिए जुटा हुआ है। जी हां इसरो केे कुछ वैज्ञानिक घरों से और कुछ अपने-अपने सेंटरों से काम कर रहे हैं लेकिन वो किसी सेटेलाइट पर काम नहीं कर रहे बल्कि देश के लोगों के लिए  सैनिटाइजर और वेंटिलेटर्स बना रहे हैं। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर यानी VSSC के निदेशक और देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक एस. सोमनाथ ने बताया कि हम यहां पर सैनिटाइजर्स और वेंटिलेटर्स बना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सतीश धवन स्पेस सेंटर यानी SDSC श्रीहरिकोटा सेंटर में भी इन दिनों बड़े पैमाने पर सैनिटाइजर्स तैयार किए जा रहे हैं।

बता दें कि विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में जहां रॉकेट आदि बनाने का काम होता है वहीं श्रीहरिकोटा से रॉकेट और सेटेलाइट की लॉन्चिंग होती है। इसरो अपने यहां बनाए जा रहे सेनेटाइजर को पहले अपने सभी कर्मचारियों और वैज्ञानिकों को देता और टेस्टिंग के बाद इनकी दक्षिण भारत के कई राज्यों में सप्लाई की जा रही है, ताकि बाजार में सेनेटाइर की कमी न आए। इतना ही नहीं इसरो के कुछ सेंटर्स पर मास्क और ऑक्सीजन कैनिस्तर भी बनाए जा रहे हैं ताकि देश पर कोई विपरीत परिस्थिती आती है तो उसके लिए पहले ही तैयार रहा जाए।

विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में ऐसे वेंटिलेटर बनाए जा रहे हैं जो बिजली न होने पर भी काम कर सकें। वीएसएससी के निदेशक एस. सोमनाथ ने बताया कि इसरो ने अब तक करीब 1500 लीटर से ज्यादा सैनिटाइजर्स बनाकर लोगों को दिए हैं और वहां बने मास्क भी बांटे जा रहे हैं। एस सोमनाथ ने कहा कि इसरो हमेशा देश के साथ खड़ा है।

Seema Sharma

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