हामिद की रिहाई से ठीक पहले घटी अजीब घटना और आधे घंटे में था जेल से बाहर

Saturday, Dec 22, 2018 - 05:54 PM (IST)

इंटरनेशनल डैस्कः पाकिस्तान जेल में 6 साल काटने के बाद भारत लौट आए हामिद नेहाल अंसारी बेशक मुंबई स्थित अपने घर पहुंच चुके हैं। लेकिन उनके घर के बाहर मीडिया के कैमरे और माइक लगे रहते हैं और घर के अंदर उनके रिश्तेदारों और दोस्तों का तांता। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए हामिद अपने अनुभव शेयर करते हुए बार-बार भावुक हो जातें हैं और अपनी सही सलामत वतन के लिए भगवान का शुक्र अदा करते हैं। वह खुद को लक्की मानते हैं क्योंकि वह महसूस करते हैं कि उनके जैसे कई बेकसूर हिंदुस्तानी अभी भी पाक की जेल में कैद हैं ।

हामिद का कहना है कि उन बेकसूरों को वतन वापस भेजने के लिए सरकार को मदद करनी चाहिए। रिहाई से ठीक पहले घटी एक अजीब घटना का जिक्र करते हुए हामिद ने बताया कि  शुक्रवार का दिन उन्हें हमेशा याद रहेगा। हामिद बताते हैं कि अपने घर के पास जब वह मस्जिद में थे तो एक बूढ़ा आदमी उनके पास आया और उन्हें तिरछी नजर से देखने लगा। हामिद ने बताया, 'उस अजनबी ने उनसे कुछ ऐसा कहा जो वह पेशावर सेंट्रल जेल से छूटते समय खुद से मन ही मन कह रहे थे।' 33 साल के सॉफ्टवेयर इंजिनियर हामिद ने बताया कि मुझे नहीं पता कि वह कौन था, मैंने उन्हें ढूंढने की कोशिश भी नहीं की लेकिन उन्होंने मुझसे कहा था, बीता कल भूल जाओ। आगे बढ़ो। तुम्हारे आगे तुम्हारा पूरा जीवन पड़ा हुआ है। यह वाकई वही बात है जो मैंने खुद से कही थी और अब मैं उसे करना चाहता हूं।' हामिद बताते हैं कि उन्हें अचानक से कहा गया कि वह जेल से बाहर आने के लिए तैयार हो जाएं। हामिद ने बताया, 'यह सब कुछ बहुत तेजी से हुआ।

18 दिसंबर को सुबह साढ़े छह बजे मुझे कहा गया कि आधे घंटे में मैं जेल से बाहर आ जाऊं।' वह दो पंजाब पुलिस अधिकारियों के साथ जेल से बाहर आ गए । अंसारी जेल में बिताए अपने 6 सालों को याद करते बताते हैं कि वहां गर्मियों में बहुत गर्मी होती थी। जेल में जो चीजें उन्हें तसल्ली देती थी, वह थी खिड़कियों पर ग्रिल और पेशावर सेंट्रल जेल में सलाखों के दरवाजे। वह कहते हैं, 'उन्हें टाटा ने बनवाया था, उस पर उनका नाम लिखा हुआ था और मुझे लगता था कि मैं भारत में हूं।'

वह कहते हैं कि वह उन कुछ 'अच्छे' पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को भी नहीं भूलेंगे जिन्होंने उन्हें बताया कि वह एक सिविल जेल में है, इसका मतलब है कि उनका अपराध गंभीर प्रकृति का नहीं है। हामिद बताते हैं, 'हमें जेल के अंदर क्रिकेट खेलने की भी अनुमति नहीं थी क्योंकि बैट हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन हमने इसे इंप्रोवाइज किया और चप्पल की मदद से क्रिकेट खेला करते थे।'

 

Tanuja

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