दक्षिण कश्मीर के बाद उतर कश्मीर का ‘हाजिन इलाका’ बना आतंकियों का गढ़

Tuesday, Nov 28, 2017 - 06:58 PM (IST)

श्रीनगर : पिछले कुछ सालों से दक्षिण कश्मीर आतंकियों के लिए गढ़ बन गया था लेकिन हालिया स्थिति के चलते अब उतर कश्मीर में बांडीपुरा जिला का हाजिन इलाका आतंकियों के नए गढ़ के रुप में सामने आ रहा है। कश्मीर पिछले तीन दशकों से हिंसा और आतंकवाद से जूझ रहा है, लेकिन जुलाई, 2016 में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा की नई लहर से चली है। वहीं उतर कश्मीर का हाजिन शहर सुरक्षा बलों और आतंकियों की मुठभेड़ के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है।  


हजिन पहुंचने का रास्ता ख़ूबसूरत नजारों से होकर जाता है। रास्ते में कश्मीर के चिनार के पेड़ आपका स्वागत करते दिखते हैं, लेकिन उत्तरी बांडीपुरा के इस छोटे से कस्बे में लगता है कि खौफ ने डेरा जमा लिया है। बांडीपुरा के लिए आतंकवादी हिंसा कोई नई बात नहीं है। श्रीनगर से 40 किलोमीटर की दूर पर बसा हाजिन किसी जमाने में आतंकवाद विरोधी संगठन ‘इख़वान’ का गढ़ हुआ करता था।  लेकिन आजकल हाजिन किसी और वजह से सुर्खियों में है। बताया जा रहा है कि हाजिन अब लश्कर-ए-तोयबा के आतंकियों का अड्डा बन गया है। आतंकवादी हाजिन का इस्तेमाल बेस कैंप और ट्रांजिट रूट के तौर पर कर रहे हैं। 

रोज होती है इलाके की घेराबंदी
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि भारतीय सुरक्षा बल नियमित रूप से ‘इलाके की घेराबंदी करते हैं और तलाशी अभियान’ चलाते हैं। उन्होने आरोप लगाया कि बिना किसी गलती के उन्हें सताने के लिए ऐसा किया जाता है। एक दुकानदार ने अपना नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि सेना और पुलिस हमें पीटते हैं। इन अभियानों के दौरान हमारे घरों, हमारी कारों और मोटरसाइकिलों को बर्बाद कर देते हैं। एक दशक बाद हाजिन को एक अलग तरह के डर ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है।

सुरक्षित पानागाह बना हाजिन 
अधिकारियों ने कहा कि हाजिन की भौगोलिक स्थिति उसे कश्मीर में भारत की सत्ता से लडऩे वाले विदेशी आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना देती है। हाजिन से होकर ये आतंकवाद मध्य कश्मीर और राजधानी श्रीनगर तक पहुंचते हैं। हाल ही में 19 नवंबर को भारतीय सुरक्षा बलों ने बताया कि लश्कर-ए-तोयबा के कम से कम छह आतंकियों को हाजिन में हुए एक मुठभेड़ में मारा गया है।  अधिकारियों ने कहा कि हाजिन से लगने वाली नियंत्रण रेखा से आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान गोलीबारी करता है। 
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा पार कर इस तरफ  आने वाले आतंकियों को स्थानीय मदद की जरूरत पड़ती है। छोटे-छोटे गुटों में बंटकर आगे बढऩे या अलग-अलग जगहों पर हमलों को अंजाम देने तक उन्हें सुरक्षित ठिकानों की जरूरत रहती है।
कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.पी.) मुनीर खान ने इन आरोपों से इनकार किया कि हाजिन में स्थानीय लोगों पर बल प्रयोग किया जाता है।
 

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