श्रीनगर मुठभेड़:  हैदर फिल्म में शाहिद कपूर संग काम कर चुका था मारा गया आतंकी

Thursday, Dec 13, 2018 - 06:14 PM (IST)

श्रीनगर : बॉलीवुड फिल्म हैदर तो आपको याद होगी। कश्मीर के आतंकवादग्रस्त एक परिवार की कहानी। पर आप यह नहीं जानते कि उसका कलाकार और थियेटर करने वाला एक किशोर बीते अगस्त से एक अन्य लडक़े के साथ गायब हो गया था। इसके बाद पता चला कि यह किशोर आतंकी बन गया है। बीते 9 दिसंबर को श्रीनगर के बाहरी इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया गया। इस लडक़े का नाम साकिब बिलाल था और यह हाजिन बंाडीपुरा में कक्षा नौ का छात्र था। बीते 9 दिसंबर को श्रीनगर के बाहरी इलाके मुजगंड में चली 18 घंटे लंबी मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के एक पाकिस्तानी आतंकी के साथ साकिब बिलाल को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।

 

घर से फुटबॉल खेलने गया था
रिपोट्र्स के मुताबिक साकिब और दूसरा लडक़ा बीते 31 अगस्त को अपने घर से फुटबॉल खेलने गए थे। वापस न लौटने पर परिजनों ने उसे खूब ढूंढा लेकिन वो नहीं मिला। यहां तक की उसकी मां बेटे की सलामती के लिए कई फकीरों के पास भी गई। बिलाल के मामा असीम एजाज ने मीडिया को बताया कि एक माह से ज्यादा वक्त तक बिलाल को ढूंढ़ा लेकिन वो नहीं मिला। बिलाल की इंजीनियरिंग में दिलचस्पी थी। अभी तक हमें यह नहीं समझ में आया कि वह आतंकी क्यों बना। वास्तव में उस दिन तो वो घर से कुछ खरीदारी करने बाहर गया था। लोगों ने देखा था कि बाइक सवार एक व्यक्ति के पीछे दो लडक़े बैठे हुए थे। बिलाल ने कक्षा 10वीं में काफी अच्छे अंक हासिल किए थे और 11वीं कक्षा में प्ऊिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स की पढ़ाई कर रहा था। उसे फुटबॉल से भी बहुत लगाव था और वो ताइक्वांडो और कबड्डी भी खेलता था। दूसरा लडक़ा एक गरीब परिवार का था और साकिब एक अच्छे खासे किसान परिवार से था।

अभिनय में रूचि रखता था बिलाल
बिलाल के परिवार ने कहा कि उसे अभिनय में दिलचस्पी थी और उसने विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर में छोटा सा रोल भी निभाया था। एजाज कहते हैं कि जब वो कक्षा छह में पढ़ता था, तब वो हैदर फिल्म में दो बार थोड़ी देर के लिए नजर आया था। एक सीन में वो ‘चॉकलेट बॉय’ के रूप में दिखा था और दूसरे में वो एक बस में हिंसा होने के बाद जिंदा बचकर निकलता है। बिलाल रंगमंच में भी हिस्सा लेता था। हैदर में आने से पहले वो टैगोर हॉल में श्वेथ ची येही (यही नदी है) नामक नाटक में हिस्सा ले चुका था। इस आयोजन में उसे सम्मान मिला था और फिर इस नाटक का मंचन ओडिशा में भी किया गया।
 

Monika Jamwal

Advertising