ज्ञानवापी मस्जिद: तो इसलिए अजय मिश्रा हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर पद से, बोले- मेरे साथ धोखा हुआ

Wednesday, May 18, 2022 - 10:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क: वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी—सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर (अधिवक्ता आयुक्त) नियुक्त किए गए अजय मिश्रा को उनके एक सहयोगी द्वारा मीडिया में खबरें लीक करने के आरोप में मंगलवार को पद से हटा दिया। कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में एक मामले में फिल्मांकन की रिपोर्ट के लिए दो और दिन का समय दिया है। बता दें कि सर्वेक्षण रिपोर्ट 17 मई को अदालत में पेश किए जाने थे।

 

अजय मिश्रा ने दी सफाई
अधिवक्ता आयुक्त पद से हटाए गए अजय मिश्रा ने अपनी सफाई में कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है और जो भी हुआ, उन्हें उसकी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि मैंने जिस फोटोग्राफर को रखा, उसने धोखा दिया है। मैंने जिस पर विश्वास किया, उससे मुझे धोखा मिला। इसमें मैं क्या कर सकता हूं।" इस सवाल पर विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने उन पर असहयोग का आरोप लगाया है, मिश्रा ने कहा कि हो सकता है कि उनको लगा होगा। मेरे हिसाब से मैंने कोई असहयोग नहीं किया। अजय मिश्रा ने कहा कि आयोग की कार्यवाही विशाल सिंह के ही निर्देशन में हुई। अब विशाल का हृदय ही जानेगा और मेरा हृदय जानेगा कि मैंने उनका सहयोग किया है या नहीं।"

 

अजय मिश्रा ने कहा, "हमने बीती रात 12 बजे तक एक साथ रिपोर्ट तैयार की। मुझे नहीं पता था कि विशाल सिंह मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। मैं वास्तव में दुखी हूं। मैं पक्षपाती नहीं था। मैं सर्वेक्षण के बारे में कुछ नहीं कहूंगा।" वहीं नए सर्वे हेड विशाल सिंह ने कहा , "मैंने अजय मिश्रा के आचरण के संबंध में याचिका दी थी। विशाल सिंह ने अदालत के सामने कहा कि अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा ने एक निजी कैमरामैन आर.पी. सिंह को वीडियोग्राफी सर्वे के लिए रखा था जो मीडिया में लगातार गलत बयान दे रहे थे और अफवाहें फैला रहे थे। इसीलिए सिंह को कल आयोग की कार्यवाही से अलग रखा गया था।नए सर्वे हेड ने आगे कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि मेरी रिपोर्ट निष्पक्ष होगी।

 

बता दें कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे के काम के लिए अदालत द्वारा नियुक्त विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह पर आयोग की कार्यवाही में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था। विशाल सिंह ने कहा कि जब कोई अधिवक्ता एडवोकेट कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया जाता है तब उसकी स्थिति एक लोक सेवक की होती है और उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह कमीशन की कार्यवाही का संपादन पूरी निष्पक्षता और ईमानदारी से करेगा जबकि अजय मिश्रा ने अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन बेहद गैर जिम्मेदाराना तरीके से किया।

Seema Sharma

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