गुजरात का डायमंड सेक्टर चमका, नए बोर्स से कारोबार सालाना दो लाख करोड़ रुपए तक बढ़ने का अनुमान

punjabkesari.in Thursday, Dec 21, 2023 - 02:54 PM (IST)

 

नेशनल डेस्क: गुजरात के सूरत में दुनिया के 10 कच्चे हीरों में से आठ का करीब आठ लाख कर्मचारियों द्वारा प्रसंस्करण किया जाता है। राज्य की अर्थव्यवस्था में हीरा उद्योग का बहुत बड़ा योगदान है। अब वाइब्रेंट गुजरात समिट और नए विशाल ‘सूरत डायमंड बोर्स' परिसर से इसके और बढ़ने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने गत रविवार को यहां विशाल ‘सूरत डायमंड बोर्स' परिसर का उद्घाटन करने के बाद इसे नए भारत की ताकत और संकल्प का प्रतीक बताया था।

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, नए ‘सूरत डायमंड बोर्स' परिसर के साथ राज्य के हीरा क्षेत्र का योगदान और बढ़ने वाला है क्योंकि कारोबार के सालाना दो लाख करोड़ रुपए तक बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि उद्योग अन्य 1.5 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करने और रत्न तथा आभूषण के लिए केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद योगदान देने को तैयार है।विशेषज्ञों ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट से रत्न तथा आभूषण क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी। निर्यात में भारत का वैश्विक योगदान 3.50 प्रतिशत है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था में चमक लाएगा और केंद्र सरकार इसे दोहरे अंकों में बढ़ाने का लक्ष्य रखेगी।
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1.5 लाख नौकरियों का सृजन होगा
‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट' का 10वां संस्करण 10 से 12 जनवरी 2024 को राज्य की राजधानी गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने ‘सूरत डायमंड बोर्स' परिसर का उद्घाटन करते हुए करीब आठ लाख नौकरियों का सृजन करने के लिए इस क्षेत्र की सराहना की और कहा था कि नए परिसर से अब और 1.5 लाख नौकरियों का सृजन होगा। ‘सूरत डायमंड बोर्स' का निर्माण 3,400 करोड़ रुपए के निवेश से किया गया है। मोदी ने कहा, ‘‘ सूरत का हीरा उद्योग आठ लाख लोगों को रोजगार दे रहा है और नए बोर्स से 1.5 लाख और नौकरियों का सृजन होगा। मैं हीरा व्यापार व्यवसाय से जुड़े अपने सभी दोस्तों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दिन-रात काम किया है।''
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दोहरे अंक तक ले जाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा था आयात व निर्यात के लिए एक अत्याधुनिक ‘सीमा शुल्क मंजूरी गृह', खुदरा आभूषण व्यवसाय के लिए आभूषण मॉल और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग की सुविधा से लैस यह बोर्स हीरा उद्योग को और ऊंचाइयों पर ले जाएगा। मोदी ने कहा था कि रत्न व आभूषण निर्यात में भारत का वैश्विक योगदान 3.50 प्रतिशत है, जिसे केंद्र सरकार ने दोहरे अंक तक ले जाने का लक्ष्य रखा है और बोर्स तथा सूरत के उद्यमी इसे हासिल करने में मदद करेंगे। ‘सूरत डायमंड बोर्स' (एसडीबी) ‘डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल (ड्रीम) सिटी' का हिस्सा है। 
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हीरे के व्यापार का वैश्विक केंद्र बनने को तैयार 
गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने फरवरी 2015 में एसडीबी और ड्रीम सिटी परियोजना की नींव रखी थी। एक विज्ञप्ति के अनुसार, एसडीबी अब दुनिया का सबसे बड़ा कार्यालय भवन है जिसमें करीब 4,500 हीरा व्यापार कार्यालय हैं। यह विशाल इमारत ड्रीम सिटी के भीतर 35.54 एकड़ जमीन पर बनी है जिसमें 300 वर्ग फुट से लेकर एक लाख वर्ग फुट तक के कार्यालयों के साथ 15 मंजिल वाले नौ टावर हैं। सूरत के हीरा उद्योग की वैश्विक प्रमुखता पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि यह बोर्स कच्चे तथा पॉलिश किए गए हीरे के व्यापार के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने के लिए तैयार है। 


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Content Editor

rajesh kumar

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