मुस्लिम बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन में रह सकती है हिंदू लड़की: हाईकोर्ट

Tuesday, Nov 29, 2016 - 12:15 PM (IST)

नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट ने 19 साल की एक हिंदू लड़की को उसके 20 साल के मुस्लिम बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन में रहने की अनुमति दी है। इस महत्वपूर्ण निर्णय को देते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों शादी के योग्य हैं तो फिर उन्हें एक साथ रहने में कोई दिक्‍कत नहीं है। दरअसल, ये मामला कुछ यूं है कि युवक और युवती दोनों बचपन के दोस्त हैं। दोनों एक साथ स्कूल में पढ़ते रहे हैं। इसी बीच दोनों को एक दूसरे से प्यार हुआ और शादी करने का निर्णय ले लिया।
 

जानकारी मुताबिक युवक और युवती अपना धर्म नहीं बदलना चाहते थे इसलिए स्पेशल मैरिज एक्ट का सहारा लिया। लेकिन उसमें भी एक पेंच था लड़के लड़के की उम्र 21 साल से कम होने के कारण दोनों विधिवत रूप से शादी नहीं कर सकते थे। नतीजतन दोनों ने मैत्री करार करने का निर्णय लिया। जुलाई में गुजरात में लागू हुआ मैत्री करार लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी सुरक्षा देता है। इसके बाद से दोनों अपने परिवारों से अलग होकर एक साथ रह रहे थे। इसी सितंबर महीने में लड़की के परिजन उसे जबरदस्ती अपने साथ ले गए। अपने परिवार के साथ कपड़े के व्यवसाय में लगे लड़के ने इसके विरोध में हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी कि उसकी गर्लफ्रेंड को उसके घरवाले जबरदस्ती साथ ले गए हैं।
 

 इस पर कोर्ट ने बानासाकांठा पुलिस को लड़की को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। जहां लड़की ने घरवालों के बजाय प्रेमी युवक के साथ रहने की इच्छा जताई। उसने कहा कि जब उसके प्रेमी की उम्र 21 साल हो जाएगी तब वह शादी कर लेंगे। वहीं कोर्ट ने भी युवक से इस बात का एफिडेविट देने के लिए कहा कि वह 21 साल का होने पर लड़की से शादी कर लेगा। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अकिल कुरैशी और बीरेन वैष्‍णव ने कहा हमारा समाज‌ विवाह और इसकी पवित्रता को लेकर काफी दबाव में रहता है। जबकि लिव इन रिलेशनशिप के उदाहरण काफी हद तक मेट्रो शहरों और अन्य बड़े शहरों तक ही सीमित हैं।

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