गुजरात सरकार का फरमान, कक्षा में हाजिरी के दौरान छात्र ‘जय हिंद या जय भारत’ कहें

Wednesday, Jan 02, 2019 - 11:05 AM (IST)

अहमदाबाद: गुजरात में भाजपा सरकार ने सभी स्कूलों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कक्षा में हाजिरी के दौरान छात्र ‘यस सर’ की जगह ‘जय हिंद’ या ‘जय भारत’ बोलें। यह उनमें देशभक्ति की भावना पैदा करेगा। विपक्षी पार्टियों ने इस कदम की यह कहते हुए आलोचना की कि सरकार को शिक्षा की गिरती गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए काम करना चाहिए। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय और गुजरात उच्च एवं उच्चतर शिक्षा बोर्ड (जीएसएचएसईबी) की ओर से सोमवार (31 दिसंबर) को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सरकारी, सहायता प्राप्त, स्व वित्तपोषित स्कूलों के कक्षा एक से 12वीं तक के छात्र एक जनवरी से हाजिरी के दौरान नाम पुकारे जाने पर ‘जय ङ्क्षहद’ या ‘जय भारत’ कहें। अधिसूचना कहती है कि नई व्यवस्था का मकसद छात्रों में ‘‘बचपन से ही राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा करना है।’’ 

जय भारत और जय हिंद, से कहीं बेहतर है ‘यस सर’ 
कदम का बचाव करते हुए, गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने मंगलवार को कहा कि सरकार को ‘अच्छे सुझाव’ स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।  उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ जय भारत और जय हिंद, ‘यस सर’ से कहीं बेहतर है। जय हिंद या जय भारत कहने से देश भक्ति की भावना पैदा होगी जिस लिए मैंने यह बदलाव करने का निर्णय किया।’’  मंत्री ने कहा कि सीबीएसई और अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों से भी नए दिशा-निर्देशों का अनुसरण करने को कहा गया है। उन्होंने दावा किया, ‘‘ स्थानीय निजी स्कूलों ने कहा है कि राज्य सरकार का यह अच्छा निर्णय है।’’ गुजरात सरकार की आलोचना करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख अमित चावड़ा ने कहा कि नई व्यवस्था सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव नहीं लाएगी।’’ 

युवाओं को नहीं किया जा सकता देशभक्ति व्यक्त करने के लिए मजबूर 
सिंह ने कहा, ‘‘ भाजपा सरकार ने स्कूली छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए कई प्रयास किए हैं। कुछ बदलावों को बदलने से शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं होगा।’’  चावड़ा ने आरोप लगाया कि गुजरात में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है। शिक्षा की गुणवत्ता कई कम विकसित राज्यों से भी बदतर है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि गुजरात के बच्चों और युवाओं को अपनी देशभक्ति व्यक्त करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है क्योंकि ‘‘यह उनके खून में है।’’      उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षा की गिरती गुणवत्ता में सुधार को प्राथमिकता देनी चाहिए। पटेल ने कहा, ‘‘ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के बजाय शिक्षा मंत्री गुजरात के बच्चों और युवाओं को देश भक्ति सिखाने की बात कर रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि यहां सब देशभक्ति की भावना के साथ पैदा होते हैं।’’      

Anil dev

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