एक गुजराती का प्रधानमंत्री होना हर मुद्दे पर भारी

punjabkesari.in Saturday, Oct 28, 2017 - 05:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री जब देश का प्रधानमंत्री बन जाता है तो यह उस राज्य के लोगों के लिए गर्व की बात होती है। यह जज्बा उसकी सभी समस्याओं पर भारी होता है। लोगों की इसी भावनाओं को बीजेपी नेता जमकर भुना रही है। विधानसभा में किसका पलढ़ा कितना भारी है। यह जानने के लिए बीजेपी व कांग्रेस के मुद्दों को जानना जरूरी है। यह भी जानना आवश्यक है कि किस पार्टी को गुजरात में जमीनी स्तर पर किसका समर्थन मिल रहा है।

कांग्रेस
1-ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने हाल ही में राहुल गांधी का हाथ थामा है। ओबीसी एकता मंच के जरिए अल्पेश ने पिछले कुछ समय से गुजरात में अच्छा प्रभाव जमाया है। शराबबंदी और अन्य मुद्दों पर अल्पेश की बीजेपी सरकार के साथ ठनती रही है। इसी तरह दलितों के बीच प्रभाव जमाने वाले नेता जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। सोशल एक्टिविस्ट रहे इन नेताओं के समर्थन देने चुनाव में जमीनी स्तर पर क्या असर होगा, ये अभी रहस्य है।
2-यदि हार्दिक पटेल कांग्रेस का समर्थन करते हैं तो कांग्रेस का कुल वोट शेयर 40 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। ये बढ़ोत्तरी 2 प्रतिशत की होगी। पाटीदार समुदाय में अतिरिक्त 10 प्रतिशत की बढ़त कांग्रेस के खाते में 5-7 सीटें और जोडऩे में कामयाब होगी।
3-कांग्रेस के पास राज्य के 30 फीसदी (मुस्लिम-10 प्रतिशत, पटेल- 14 प्रतिशत, दलित- 6 प्रतिशत) वोट का समर्थन मिल रहा है।
4- जीएसटी व नोटबंदी के कारण लोग बीजेपी से नाराज हैं।

बीजेपी
1-बीजेपी का राज्य के 67 प्रतिशत (ओबीसी- 37 प्रतिशत, जनजाति- 15 प्रतिशत, सवर्ण- 15 प्रतिशत) वोटरों पर सीधा-सीधा प्रभाव है। 
2- शंकर सिंह वाघेला जैसे कद्दावर नेता का कांग्रेस को छोडऩा।
3- एक गुजराती प्रधानमंत्री होने का जज्बा बाकी सब मुद्दों पर भारी है।
4-बुनियादी सुविधाओं जैसे- सड़क, बिजली, पीने का पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लोगों में कोई असंतोष नहीं है।
5-प्रधानमंत्री जनधन योजना, मिशन इंद्रधनुष (बच्चों का टीकाकरण) और उजाला गुजरात योजना के तहत एलईडी बल्ब बांटने का काम लोगों को काफी पसंद है।


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