ट्रंप को भी आंख दिखा चुकी है ग्रेटा, जानिए विवादों से जुड़ी पर्यावरण कार्यकर्ता का  पूरा इतिहास

Thursday, Feb 04, 2021 - 05:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काे आंख दिखा चुकाने वाली और पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने वाली ग्रेटा थनबर्ग को भारत के मुद्दे पर बोलना महंगा पड सकता है। भारत को बदनाम करने के लिए ग्लोबल अजेंडा का सहारा ले रही  ग्रेटा थनबर्ग की पाेल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है।  ग्रेटा से जुड़े पूरे विवाद काे समझने से पहले जान लीजिए कौन हैं वो और कब और कैसे आई थी चर्चा में:-


ग्रेटा ने अपने घर से की थी मुहिम की शुरुआत

  • ग्रेटा थनबर्ग का जन्म जनवरी 2003 को स्टॉकहोम, स्वीडन में हुआ था। 
  • उनकी  मालेना एमान अन्तरराष्ट्रीय ओपेरा सिंगर हैं, जबकि पिता स्वांते थनबर्ग भी अभिनय की दुनिया में एक जाना माना नाम हैं। 
  • आठ वर्ष की उम्र में ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन के बारे में सुना और उसे इस दिशा में बरती जा रही लापरवाही को लेकर चिंता होने लगी।
  • 11 वर्ष की उम्र तक आते आते ग्रेटा को अवसाद और मनोरोग ने घेर लिया, लेकिन इसके बावजूद वह नये हौंसले के साथ पर्यावरण संरक्षण की अपनी मुहिम में जुट गई।
  • ग्रेटा ने शुरूआत अपने घर से ही की और अपने माता पिता को मांसाहार का त्याग करने और विमान से यात्रा न करने के लिए तैयार किया।


15 साल की उम्र में बन गई थी  अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता

  • 2018 में 15 वर्ष की उम्र में ग्रेटा ने स्कूल से छुट्टी ली और स्वीडन की संसद के सामने प्रदर्शन किया। 
  • उसके हाथ में एक बड़ी सी तख्ती थी, जिसपर बड़े अक्षरों में ‘स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट’ लिखा था।
  • उसका अभियान ने देखते ही देखते रफ्तार पकड़ ली और बहुत से स्कूलों के बच्चे पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम में ग्रेटा के साथ जुड गए। 
  • उसके बोलने का लहजा और शब्दों के चयन ने उसे एक अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता बना दिया। 
  •  इसके बाद वह जलवायु परिवर्तन को लेकर बड़ी-बड़ी कांफ्रेस और आयोजनों में हिस्सा लेने लगीं।
  • अब वह ग्लोबल वार्मिंग के ख़तरों पर केंद्रित एक स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता है।
  • वह जलवायु आंदोलन (क्लाइमेट मूवमेंट) के लिए स्कूल स्ट्राइक की संस्थापक हैं। 


दुनिया के नेताओं को चेता चुकी है ग्रेटा 

  • 2019 में  ग्रेटा थनबर्ग के द्वारा UN में दिए गए भाषण की काफी चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने दुनिया के नेताओं को चेताते हुए पूछा था ‘How Dare You?’।
  • ग्रेटा ने कहा था कि दुनिया के बड़े देश कार्बन उत्सर्जन को रोक नहीं रहे हैं, जिसके कारण ये मसला हो रहा है।
  • ग्रेटा थनबर्ग की कई बार दुनिया के बड़े नेताओं से बहस भी हो चुकी है।
  • उनके भाषण को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी तंज कसा था ।
  • ग्रेटा को ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' पुरस्कार मिलने पर  ट्रम्प ने उसे शांत रहने और फिल्में देखने के लिए कहा था।
  • एक इंटरव्यू में ग्रेटा ने ट्रंप से मिलने से ही इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि ये समय की बर्बादी होगी। 


क्या है ग्रेटा का विवाद

  • किसान आंदोलन को लेकर मचे घमासान के बीच  ग्रेटा थनबर्ग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने गूगल डॉक्यूमेंट्स के कुछ पेज शेयर किया थे। 
  • ग्रेटा ने गलती से भारत के गणतंत्र दिवस यानि कि 26 जनवरी को हाेने वाली हिंसा का ब्यौरे वाला डॉक्यूमेंट्स सोशल मीडिया पर साझा कर दिया था।
  • लेकिन विवाद बढ़ता देखकर उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया।
  • ग्रेटा ने ट्वीट के जरिए ही बताया कि भारत सरकार पर किस तरह से दबाव बनाया जा सकता है और इसके लिए उन्होंने ट्विटर पर ही पूरी योजना भी बताई जो बड़े अंतर्राष्ट्रीय साजिश से जुड़ी नजर आती है। 
     

vasudha

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