चारधाम यात्रा के लिए ग्रीन और ट्रिप कार्ड अनिवार्य, जानें कब शुरू होगी यात्रा
punjabkesari.in Sunday, Mar 30, 2025 - 01:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क. उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब यात्रा पर जाने वाले सभी वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। बिना इन दस्तावेजों के कोई भी वाहन यात्रा पर नहीं जा सकेगा। यह कदम यात्रा को सरल बनाने और बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया
परिवहन विभाग के नोडल अधिकारी सुनील शर्मा के अनुसार, ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होगी। इस कार्ड को बनवाने के लिए वाहन मालिक को greencard.uk.gov.in पोर्टल पर लॉगिन कर वाहन से संबंधित सभी दस्तावेज अपलोड करने होंगे और ऑनलाइन शुल्क का भुगतान करना होगा।
छोटे वाहनों के लिए शुल्क: 400 रुपये
बड़े वाहनों के लिए शुल्क: 600 रुपये इसके बाद वाहन की तकनीकी जांच की जाएगी और उसके बाद ग्रीन कार्ड जारी किया जाएगा।
इस वर्ष ग्रीन कार्ड बनाने की संख्या 36,000 से 40,000 के बीच होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 32,000 से अधिक वाहनों ने ग्रीन कार्ड बनवाए थे। ग्रीन कार्ड मिलने के बाद ट्रिप कार्ड भी पोर्टल पर मुफ्त में बनवाया जा सकेगा।
ट्रिप कार्ड बनाने की प्रक्रिया: ट्रिप कार्ड बनाने के लिए वाहन चालक को अपना लाइसेंस नंबर और जन्मतिथि दर्ज करनी होगी। वहीं यात्रियों की जानकारी पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पहले से मौजूद लॉगिन आईडी के माध्यम से अपडेट की जाएगी।
यात्रा के दौरान वाहन चेकिंग: यात्रा के दौरान वाहनों की चेकिंग ब्रह्मपुरी, भद्रकाली, कुठाल गेट और हरबर्टपुर कटापत्थर पर की जाएगी। इसके अलावा यात्रा में शामिल वाहनों की चौड़ाई 2.6 मीटर से अधिक और टायर की मोटाई 173 इंच से ज्यादा होने पर उन्हें यात्रा में अनुमति नहीं दी जाएगी।
टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटरों पर कार्रवाई: पर्यटन विभाग ने चेतावनी दी है कि जो टूर और ट्रैवल ऑपरेटर बिना पंजीकरण के यात्रियों को चारधाम यात्रा पर लाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
केदारनाथ यात्रा के लिए ठहरने की व्यवस्था: 2 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा के लिए ठहरने की व्यवस्था भी की गई है। इस वर्ष केदारनाथ धाम में 15,000 श्रद्धालु रुक सकेंगे, जबकि पैदल मार्ग पर 2000 यात्रियों के लिए ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। इस तरह कुल 17,000 श्रद्धालुओं के लिए रात्रि प्रवास की सुविधा उपलब्ध होगी।