दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए ग्रेडेड कार्य योजना

Wednesday, Oct 18, 2017 - 12:04 AM (IST)

नई दिल्ली: बदरपुर बिजली संयंत्र को बंद कर दिया गया है, डीजल जेनरेटर को प्रतिबंधित कर दिया गया है, सैकड़ों ईंट-भट्ठों को काम बंद करने के आदेश दिए गए हैं तथा अगर फिर भी वायु की गुणवत्ता खराब होती है तो दिल्ली वालों को पार्किंग फीस के रूप में और पैसे खर्च करने होंगे। उन्हें संभवत: वर्तमान दर की तुलना में चार गुना ज्यादा पार्किंग शुल्क देना पड़ सकता है।

उच्चतम न्यायालय की तरफ से नियुक्त ईपीसीए ने स्पष्ट किया है कि जरूरत पड़ी तो वह ‘सम-विषम’ योजना लागू करने, कारों को सड़क से दूर करने और स्कूलों को बंद करने से भी पीछे नहीं हटेगा। ईपीसीए को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू करने की ताकत है। जीआरएपी के ‘काफी खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों के उपाय आज से प्रभावी हो गए और ये 15 मार्च तक प्रभावी रहेंगे।

पूर्व आईएएस अधिकारी भूरेलाल की अध्यक्षता में हुई ईपीसीए की बैठक के बाद यह घोषणा की गई। ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण निवारण और नियंत्रण प्राधिकरण) की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि जीआरएपी ने ‘काफी खराब’ वर्ग में पार्किंग शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव दिया लेकिन इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि दिल्ली सरकार की पार्किंग नीति को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। लेकिन उन्होंने संकेत दिए कि अगर प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोतरी होती है, तो ईपीसीए उपायों को लागू करेगा, भले ही कोई औपचारिक नीति नहीं बनी है। 

भूरेलाल ने कहा कि केवल उन्हीं ईंट भट्ठों को चलने दिया जाएगा, जिन्होंने काले कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए जिगजैग तकनीक को लागू किया है। दिल्ली मेट्रो और महानगर के अस्पतालों जैसी आवश्यक सेवाओं को इससे छूट दी जाएगी जो डीजल जेनरेटर सेट से चलते हैं।  
 
 

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