आम आदमी के आए अच्छे दिन!, जरूरी वस्तुओं पर NO TAX

Friday, Nov 04, 2016 - 08:17 AM (IST)

नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी. काऊंसिल ने फोर टियर (4 स्तरीय) टैक्स स्ट्रक्चर को जी.एस.टी. के अंतर्गत मंजूरी दे दी है। इससे यह स्पष्ट है कि जी.एस.टी. के अंतर्गत अब फोर टियर पर टैक्सेशन होगा जो 5 पर्सैंट, 12 पर्सैंट, 18 और 28 पर्सैंट तय किया गया। गौरतलब है कि इससे पहले हुई काऊंसिल की बैठक में जी.एस.टी. टैक्सिज पर आम राय नहीं बन पाई थी। बताते चलें कि सरकार की योजना है कि जी.एस.टी. को पहली अप्रैल 2017 से लागू कर दिया जाए।

ये होंगी GST दरें
काऊंसिल की बैठक के बाद फाइनांस मिनिस्टर अरुण जेतली ने कहा, ‘‘कुछ प्रोडक्ट्स टैक्स लिमिट से बाहर होंगे। टैक्स फ्री प्रोडक्ट्स में 50 पर्सैंट उपभोक्ता महंगाई दर तय  करने वाली बास्केट से जुड़े होंगे। जेतली ने यह भी साफ  किया कि जी.एस.टी. के अंतर्गत 2 स्टैंडर्ड टैक्स रेट होंगे, जो 12 और 18 पर्सैंट की दर से लगेंगे। उन्होंने कहा कि बड़ी जनसंख्या के द्वारा कंज्यूम किए जाने वाले प्रोडक्ट्स पर 5 पर्सैंट की दर से टैक्स लगेगा। साथ ही 28 पर्सैंट के हाई रेट से सरकार को जो एक्स्ट्रा रैवेन्यू प्राप्त होगा उसका इस्तेमाल सरकार 5 पर्सैंट की दर वाली स्लैब में भरपाई के लिए करेगी। वहीं जेतली ने बताया कि जी.एस.टी. से होने वाले नुक्सान की भरपाई के लिए सरकार को पहले  वर्ष में 50,000 करोड़ रुपए का एक फंड बनाने की जरूरत होगी।

अनाज पर कोई टैक्स नहीं
फाइनांस मिनिस्टर ने कहा कि सैस से होने वाली इंकम का इस्तेमाल सरकार इसी फंड में करेगी। साथ ही सैस का रिव्यू ईयर्ली बेसिस पर किया जाएगा। इसके साथ ही जेतली ने ऐलान किया कि आम आदमी के द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे खाद्यान्न (अनाज) पर कोई टैक्स नहीं होगा।

राजस्व का ये होगा ढांचा
उच्चतम दर के प्राप्त होने वाले कर से होने अतिरिक्त राजस्व आय का इस्तेमाल आवश्यक उपभोग की वस्तुओं पर कर की दर पांच प्रतिशत रखने में किया जाएगा और आम उपभोग की कुछ वस्तुओं को 18 प्रतिशत के दायरे में हस्तांतरित किया जाएगा। लक्जरी कारों, तंबाकू, पान मसाला, कार्बोरेटेड पेय पदार्थों पर उपकर लगाया जाएगा, और इसके साथ इनपर स्वच्छ ऊर्जा उपकर के अलावा एक और उपकर लगाया जाएगा जिससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए किया जाएगा।जीएसटी लागू होने के पहले साल में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये 50,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगा।

नुकसान की भरपाई को लेकर सहमति
इससे पहले वित्त मंत्री जेटली ने बताया था कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद में नई कर प्रणाली से राज्यों को होनेवाले नुकसान की भरपाई पर लगभग आम सहमति बन गई है। जीएसटी दरें लागू होने पर कुछ सामान सस्ते हो जाएंगे तो कुछ महंगे होंगे। जीएसटी की दरें एक अप्रैल, 2017 से लागू होंगी।

सस्ता:
अनाज, टेलीविजन, एयर कंडीशनर, फ्रिज, वाशिंग मशीन

महंगा:
लग्जरी कारें, पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक्स

क्या है जीएसटी
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर है. जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान कर लगाया जाता है। जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं. सरकार अगर इस बिल को 2016 से लागू कर देती तो हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह एक ही टैक्स लगेगा।

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