सरकार का बड़ा फैसला: 35 जरूरी दवाओं की कीमतों में भारी कटौती, अब होगा सस्ता इलाज

punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 06:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश भर में लंबे समय से चल रही बीमारियों जैसे दिल, डायबिटीज, मानसिक रोग, और इंफेक्शन के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कीमतों में बड़ी कटौती की गई है। सरकार ने 35 प्रमुख दवाओं की कीमतों में कमी कर दी है, जिससे मरीजों को सीधी राहत मिलेगी। रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की सिफारिश पर यह अहम फैसला लिया है।

कीमतों में कटौती से मरीजों का खर्च होगा कम

एनपीपीए के इस फैसले से उन मरीजों को खास फायदा होगा, जो पुरानी बीमारियों से जूझ रहे हैं। दिल की बीमारी, डायबिटीज, मानसिक रोग और इंफेक्शन जैसी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कीमतें अब पहले से सस्ती होंगी, जिससे मरीजों को अपने इलाज पर कम खर्च करना पड़ेगा। इससे न केवल मरीजों का खर्च कम होगा, बल्कि दवाओं की उपलब्धता भी आसान होगी।

कौन-कौन सी दवाएं हुईं सस्ती?

सरकार ने कुछ प्रमुख दवाओं की कीमतों में बड़ी कमी की है, जिनमें एसिक्लोफेनाक और पैरासिटामोल का मिश्रण (जो पेन किलर के रूप में उपयोग होता है), ट्रिप्सिन काइमोट्रिप्सिन (प्रोटीन एंजाइम), एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट के फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एंटीबायोटिक), एटोरवास्टेटिन और क्लोपिडोग्रेल (हृदय रोगियों के लिए) और एम्पैग्लिफ्लोजिन, सिटाग्लिप्टिन और मेटफॉर्मिन (डायबिटीज के मरीजों के लिए) शामिल हैं। इसके अलावा, बाल चिकित्सा के लिए उपयोग होने वाले सेफिक्साइम और पैरासिटामोल का मिश्रण, विटामिन D के पूरक कोलेकैल्सिफेरॉल ड्रॉप्स, और डिक्लोफेनाक इंजेक्शन जैसी महत्वपूर्ण दवाओं की कीमतों में भी कटौती की गई है। इन दवाओं की कीमत पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है, जिससे लंबे समय से बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को इलाज में राहत मिलेगी।

नए दामों का असर: कैसे होंगे बदलाव?

अब एसिक्लोफेनाक-पैरासिटामोल-ट्रिप्सिन काइमोट्रिप्सिन टैबलेट की कीमत 13 रुपए निर्धारित की गई है। वहीं, एटोरवास्टेटिन और क्लोपिडोग्रेल की टैबलेट की कीमत 25.61 रुपए तय की गई है। इससे पहले, इन्हीं दवाओं की कीमतें ज्यादा हुआ करती थीं। अब इन घटित कीमतों से उन मरीजों को लाभ होगा, जो इन दवाओं पर भारी खर्च करते थे।

खुदरा विक्रेताओं को नई कीमतें प्रदर्शित करना होगा

सरकार ने आदेश जारी किया है कि सभी खुदरा विक्रेताओं और डीलरों को अपनी दुकान में इन दवाओं की नई कीमतें प्रमुखता से प्रदर्शित करनी होंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मरीजों को इन दवाओं के सही मूल्य पर ही उपलब्धता हो। यदि किसी विक्रेता ने नए प्राइस को फॉलो नहीं किया, तो उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जो डीपीसीओ 2013 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत की जा सकती है।

क्या इसका असर आम लोगों पर पड़ेगा?

यह फैसला उन लाखों भारतीयों के लिए बड़ी राहत का कारण बनेगा, जो महंगी दवाओं के चलते अपनी बीमारियों का ठीक से इलाज नहीं करा पाते। खासकर वे लोग जिनके पास कम आय है या जो पुरानी बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए इस कीमत में कटौती से इलाज सस्ता और सुलभ हो जाएगा। इसके अलावा, यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भी बेहद अहम साबित होगा।

निर्माताओं के लिए निर्देश

निर्माताओं को अब सभी वैधानिक आवश्यकताओं का पालन करना होगा और इंटीग्रेटेड फार्मास्युटिकल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (IPDMS) के जरिए अपडेटेड प्राइस लिस्ट जारी करनी होगी। इस आदेश में पहले जारी किए गए मूल्य आदेश को निरस्त कर दिया गया है। नोट: यह प्राइस कंट्रोल आदेश जीएसटी को शामिल नहीं करता, और जीएसटी लागू होने पर अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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