मार्च 2026 तक 2.2 करोड़ स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित करना सरकार का लक्ष्य- पंचायती राज सचिव
punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2024 - 02:55 PM (IST)
नेशनल डेस्क. सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक ग्रामीण भारत में संपत्तियों को मान्यता देने और गांववासियों को अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर ऋण प्राप्त करने में मदद करने के लिए 21.9 मिलियन स्वामित्व कार्ड वितरित करने का है। यह जानकारी पंचायत राज मंत्रालय के केंद्रीय सचिव विवेक भारद्वाज ने बुधवार को दी।
इसमें 5.8 मिलियन कार्ड शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 गांवों में वितरित करेंगे। अब तक सरकार स्वामित्व योजना के तहत 13.7 मिलियन स्वामित्व कार्ड वितरित कर चुकी है। योजना का उद्देश्य गांवों में कृषि भूमि को छोड़कर रहने योग्य क्षेत्रों के राजस्व दस्तावेजों में अधिकारों के रिकॉर्ड (RoR) को बनाना है, जिसे मोदी ने अप्रैल 2020 में लॉन्च किया था।
भारद्वाज ने कहा- "विकसित देशों में भूमि स्वामित्व स्पष्ट नहीं होता। यदि संपत्ति स्वामित्व का अधिकार स्पष्ट नहीं है, तो कोई वित्तीय संस्थान किसी को उधार देने के लिए तैयार नहीं होता। अगर वे वित्तीय संस्थानों से उधार नहीं ले सकते, तो वे कोई आर्थिक गतिविधि नहीं कर सकते। चूंकि संपत्ति स्वामित्व स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं है। इसलिए ऋण लिंक नहीं होते हैं।
अगर आपकी संपत्ति स्वामित्व अधिकार स्पष्ट नहीं हैं और आपको उधार लेने की जरूरत है तो आपके पास संपत्ति या कोई संपत्ति नहीं होती, जिसे आप गिरवी रखकर ऋण प्राप्त कर सकें। इसलिए हमने स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण भारत के आबादी वाले (inhabited) भूमि को कवर करने की कोशिश की है।"
यह योजना नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन और जीआईएस तकनीक के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी वाली भूमि को सीमांकित करने का भी उद्देश्य रखती है। इस योजना के तहत 344,868 गांवों को कवर करने का लक्ष्य है, जिनमें से 92% (317,000) पहले ही ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण किए जा चुके हैं।
ग्रामीण खपत शहरी से ज्यादा
हाल ही में ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग की संसदीय स्थायी समिति ने ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि पार्सल के ड्रोन आधारित मानचित्रण के कार्यान्वयन को लेकर चिंता जताई थी। यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुविधाजनक बनाने, बैंक ऋण प्राप्त करने में मदद करने, संपत्ति से संबंधित विवादों को कम करने और व्यापक ग्राम-स्तरीय योजना बनाने जैसे पहलुओं को कवर करती है, जो ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है।
भारद्वाज ने कहा कि सभी 344,868 गांवों को मार्च 2026 तक कवर किया जाएगा, जो निर्धारित समय से एक साल बाद होगा, क्योंकि कई राज्यों में संपत्ति कार्ड जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन और राज्य सरकारों द्वारा संपत्ति मालिकों की जानकारी प्राप्त करने के बाद मानचित्र तैयार कर रही है। सर्वे ऑफ इंडिया मानचित्रण और सर्वेक्षण के लिए केंद्रीय संस्था है।
30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) में 662,000 गांवों में से यह योजना 344,868 अधिसूचित गांवों में लागू हो रही है। पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, मेघालय और नागालैंड ने इस योजना में भाग नहीं लिया है और तमिलनाडु ने योजना के तहत केवल एक पायलट परियोजना की है।