हिंदुस्तान को तोड़ के नहीं मिलेगी आजादी ,पाक जाना है तो चले जाओ: सत्यपाल मलिक

Tuesday, Jul 30, 2019 - 06:08 PM (IST)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को एक सभा में कहा कि आजादी अगर पाकिस्तान के साथ जाना समझते हो तो चले जाओ कौन रोक रहा है? लेकिन हिंदुस्तान को तोड़ के कोई आजादी नहीं मिलेगी। 

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आजादी की चाहत रहने को कहा कि  “एक साल तो मेरा शॉल वाला भी मुझसे पूछता रहा ‘साहब आजाद हो जाएंगे क्या?’ मैंने कहा तुम तो आजाद ही हो, और अगर तुम आजादी पाकिस्तान के साथ जाना समझते हो तो चले जाओ कौन रोक रहा है? लेकिन हिंदुस्तान को तोड़ के कोई आजादी नहीं मिलेगी।”

कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था की संभावना को लेकर सोशल मीडिया पर कई आदेश दिखने के बारे में पूछने पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, 'यहां काफी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उन पर ध्यान नहीं दें। सब कुछ ठीक है, सब कुछ सामान्य है।' राज्यपाल मलिक ने कहा कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर दिख रहे आदेश वैध नहीं हैं।

धारा 35-ए और कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती से संबंधित खबरों को खारिज करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह सिर्फ अफवाहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कुछ सरकारी आदेश लगातार वायरल हो रहे हैं। यह सभी ऐसे कोई आदेश सरकार ने जारी नहीं किए हैं। यहां सिर्फ कुछ तत्व अफवाहें फैला रहे हैं ताकि यहां का माहौल खराब हो।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि राज्य के विशेष दर्जे पर कोई बड़ा निर्णय होने के बारे में अफवाहों की तरफ लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि ‘सब कुछ सामान्य है।' कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था की संभावना को लेकर सोशल मीडिया पर कई आदेश दिखने के बारे में पूछने पर राज्यपाल मलिक ने कहा, ‘यहां काफी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उन पर ध्यान नहीं दें। सब कुछ ठीक है, सब कुछ सामान्य है।'


मलिक ने कहा कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर दिख रहे आदेश वैध नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘कोई भी आदेश वैध नहीं है। लाल चौक पर अगर कोई छींकता भी है तो राज्यपाल भवन तक पहुंचते- पहुंचते इसे बम विस्फोट बता दिया जाता है।' घाटी में केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों की सौ कंपनियां भेजे जाने के केंद्र सरकार के आदेश के बाद से घाटी में अफवाहों का बाजार गर्म है। इस तरह की अफवाह है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35-ए को वापस ले सकती है जो राज्य के लोगों के विशेष निवास और नौकरी के अधिकारों से जुड़ा हुआ है।

shukdev

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