आपके पर्सनल डेटा पर रहेगी सरकार की नजर, ला ही रही नया कानून

Wednesday, Dec 11, 2019 - 12:29 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सरकार एक कानून लाने जा रही है जिसमें पर्सनल प्राइवेट डेटा में भी सेंध लगाई जा सकती है। आप फोन, इंटरनेट समेत किसी भी प्रकार के डिजिटल मीडियम का इस्तेमाल करते हैं तो सचेत हो जाइए क्योंकि गलत डिजिटल लाइफ बिहेवियर आपको मुश्किलों में डाल सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून व्यवस्था के सुचारू संचालन और विदेशों के साथ मित्रवत संबंध सुनिश्चित करने के लिए सरकार आपके निजी डेटा में सेंध लगाने से नहीं चूकेगी। निजी डेटा सरंक्षण बिल के तहत सरकार कानून केंद्रीय जांच एजेंसियों को जरूरत पड़ने पर पर्सनल डेटा की छानबीन का अधिकार देगा।

सरकार के दिए अधिकार के तहत जांच एजेंसियां किसी के संवेदनशील और अत्यंत गंभीर नागरिकता संशोधन बिल को बुधवार राज्यसभा में विचार के लिए पेश किया गया। हालांकि राज्यसभा की कार्यवाही की सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे इस बिल पर चर्चा शुरू होगी। राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा की खातिर 6 घंटे का समय तय किया गया है। वहीं राज्यसभा में आज प्रश्नकाल नहीं हुआ, सीधे बिल को पेश किया गया। बिल की गंभीरता को देखते हुए भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस, टीएमसी और सपा ने भी अपने सांसदों को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन व्हिप जारी किया है। डेटा को भी खंगाल सकेंगी। इस प्रावधान से स्पष्ट होता है कि सरकार ने जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण कमिटी द्वारा तैयार मसौदा विधेयक को तवज्जो नहीं दिया है।

जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण समिति द्वारा तैयार पहले के ड्राफ्ट बिल में सुरक्षा, आपराधिक जांच और अपराध की रोकथाम के लिए इस तरह के डेटा को इकट्ठा करने के लिए सरकार को छूट प्रदान की गई थी। हालांकि, उसमें यह निर्धारित किया गया था कि इन अपवादों को एक अलग कानून और डेटा द्वारा अधिकृत किया जाएगा, और इसका प्रयोग केवल तभी होगा जब यह आवश्यक हो, और सरकार के हितों के लिए समानुपातिक हो लेकिन सरकार का मौजूदा प्रावधान बिल्कुल उलट है।

लोकसभा में पेश होगा बिल
पर्सनल डेटा प्रॉटेक्शन बिल, 2019 इसी हफ्ते लोकसभा में पेश किया जा सकता है। सरकार इस बिल के जरिए भारतीय नागरिकों के डिजिटल इन्फर्मेशन के प्रबंधन और कानूनी संरक्षण के लिए देश का पहला कानून लाने जा रही है। विधेयक को तीन अलग-अलग समूहों में बांट गया है।

तीन श्रेणियां-पर्सनल, सेंसिटिव पर्सनल और क्रिटिकल पर्सनल।

सरकार बिल के जरिए किसी खास जरूरत पर नागरिकों के तीनों श्रेणियों के पर्सनल डेटा तक बिना किसी रोक-टोक के अपनी पहुंच बनाने का रास्ता साफ कर रही है। विधेयक के प्रावधान के मुताबिक, सरकार किसी भी इंटरनेट प्रवाइडर या सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म (मसलन गूगल, ट्विटर, फेसबुक, वॉट्सऐप, ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट, एप्पल) को किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी से किसी का पर्सनल डेटा साझा करने का आदेश दे सकती है।

Seema Sharma

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