सरकार ने राज्यसभा में बताया, 670 करोड़ है एक राफेल विमान की कीमत

Tuesday, Mar 13, 2018 - 07:34 PM (IST)

नेशनल डेस्कः फ्रांस से हुए राफेल सौदे को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर रही मोदी सरकार ने सोमवार को  राज्यसभा में राफेल डील पर ब्यौरा दिया। रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने राज्यसभा में बताया कि एक विमान के लिए 670 करोड़ रुपये चुकाए हैं। वहीं उपकरणों, हथियारों एवं सेवाओं का ब्यौरा देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 58 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे को 24 अगस्त 2016 में मंजूरी दी थी। इस डील पर 23 दिसंबर 2016 को हस्ताक्षर किए गए थे।

विमानों की लंबे समय तक देखरेख करेगा फ्रांस 
केंद्र सरकार जल्द से जल्द 36 राफेल विमान खरीदना चाहती है। दोनों नेताओँ ने विमानों की आपूर्ति के लिए अंतर-सरकारी सौदे को पूरा करने पर अपनी सहमति जताई थी और इस सौदे में विमान के साथ वही प्रणाली और हथियार मिलेंगे, जिसका परीक्षण करने के बाद भारतीय वायुसेना ने मंजूरी दी थी। इसके साथ ही फ्रांस लंबे समय तक विमानों की देखरेख भी करेगा। वहीं कांग्रेस इस सौदे में हथियारों और उपकरणों का ब्यौरा देने की मांग कर रही है। उसका आरोप है कि यूपीए के शासनकाल में यह सौदा काफी कम में हुआ था।

कांग्रेस सांसद के सवाल पर दिया जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रैल 2015 में हुई फ्रांस यात्रा के 16 महीने बाद राफेल डील हुई थी। पीएम की यात्रा के दौरान विमानों की खरीद पर सहमति बनी थी। भामरे ने कांग्रेस सांसद विवेक तनखा के सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। विवेक तनखा ने पूछा था कि क्या फ्रांस के साथ सौदे की घोषणा करते समय सीसीएस की मंजूरी मांगी गई थी। 10 अप्रैल 2015 को पीएम और तत्कालीन फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांदे के संयुक्त भाषण में कहा था कि भारत ने फ्रांस को भारतीय वायुसेना की अहम ऑपरेशनल जरूरतों के लिए बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों की जरूरत से अवगत कराया है।
 

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