सरकार ने लोकसभा में बताया, परमाणु नीति में कोई बदलाव नहीं, 320 भ्रष्ट अधिकारियों को किया रिटायर

Wednesday, Mar 04, 2020 - 08:03 PM (IST)

नई दिल्लीः विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत के परमाणु सिद्धांत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने लोकसभा में मीनाक्षी लेखी और राजमोहन उन्नीथन के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक (डिटरेंस) और परमाणु शस्त्रों का पहले इस्तेमाल नहीं करनी की नीति के लिए प्रतिबद्ध है। क्या सरकार की भारत की परमाणु नीति में बदलाव की कोई योजना है, इस प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा, ‘‘भारत के परमाणु सिद्धांत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।''

320 भ्रष्ट अधिकारियों को दिया गया जबरन रिटायरमेंट
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि जुलाई 2014 से लेकर अब तक 320 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्ति दे दी गई है। सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 27 फरवरी, 2020 की स्थिति के अनुसार जुलाई 2014 से जनवरी 2020 तक समूह ए के 163 अधिकारियों और समूह बी के 157 अधिकारियों के खिलाफ नियमों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

समूह ए के अधिकारियों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अफसर भी शामिल हैं। जिन प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं उनमें भ्रष्ट पाए गए सरकारी बाबुओं की समय-समय पर समीक्षा और समय पूर्व सेवानिवृत्ति की नीति निर्दिष्ट है।

29 अधिकारियों ने तो़ड़ा प्रोटोकॉल
पिछले लगभग दो वर्ष में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सांसदों से संबंधित प्रोटोकॉलों के उल्लंघन के मामले में 29 शिकायतें दर्ज की गई हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इन शिकायतों में से सर्वाधिक 10 शिकायतें उत्तर प्रदेश से संबंधित घटनाओं की हैं।

इनके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल तथा राजस्थान से चार-चार, ओडिशा और मध्य प्रदेश से दो-दो तथा आंध्र प्रदेश, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ एवं गुजरात से एक-एक शिकायत दर्ज की गयी हैं। अखिल भारतीय सेवा के नियमों में सांसदों और राज्यों के विधायकों के संबंध में आईएएस अधिकारियों के लिए प्रक्रिया निर्धारित है। नियमों का उल्लंघन करने पर आईएएस अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। मध्य प्रदेश के राजगढ़ की कलेक्टर से जुड़ी एक घटना पर सिंह ने कहा कि वहां जनवरी में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गई थी।

कलेक्टर ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर कुछ प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की थी। सिंह के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में पीआईएल दाखिल की गई है जिसमें राजगढ़ कलेक्टर पर 19 जनवरी को एकत्रित भीड़ पर निषेधाज्ञा लागू करते समय की गयी कथित कार्रवाई का हवाला दिया गया है।

  

Yaspal

Advertising