जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित नहीं करने संबंधी फाइल पेश करे सरकार: अदालत

Tuesday, Feb 27, 2018 - 10:29 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह मई महीने में वे दस्तावेज दिखाए जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री सिंह के यह फैसले का उल्लेख है कि ऐतिहासिक मुगलकालीन इमारत जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित नहीं किया जाए।

न्यायालय ने केंद्र सरकार से एक हलफनामा दाखिल करने को भी कहा जिसमें उस फाइल की स्थिति का खुलासा किया गया हो जिसे बार-बार आदेश दिए जाने के बाद भी सरकार ने पेश नहीं किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि न्यायालय ने अप्रैल 2015, 23 अगस्त 2017 और 16 नवंबर 2017 को स्पष्ट आदेश पारित कर संस्कृति मंत्रालय को निर्देश दिया था कि उस फाइल को पेश किया जाए, जिसमें जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित नहीं करने के फैसले का उल्लेख किया गया था। लेकिन वह फाइल अब तक पेश नहीं की गई।

पीठ ने कहा, अगली तारीख, 21 मई, को अदालत के समक्ष फाइल पेश की जाए। केंद्र सरकार के वकील संजीव नरूला ने कहा कि वह फाइल पेश करने में असमर्थ हैं क्योंकि जामा मस्जिद एक जीवंत स्मारक है, जिसमें लोग नमाज अदा करते हैं और कई बंदिशें हैं। न्यायालय ने हालांकि स्पष्ट किया कि सरकार दस्तावेजों को पेश करे क्योंकि जानना चाहता है कि इस तरह का फैसला लेने की वजह क्या थी। न्यायालय कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रहा था जिनमें अदालत से अधिकारियों को मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने और इसके आसपास सारे अतिक्रमण हटाने के निर्देश देने की मांग की गई है। 

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