ऑफ द रिकॉर्डः कर माफी योजना से 60,000 करोड़ रुपए कमाने पर सरकार की नजर

Tuesday, Feb 11, 2020 - 07:41 AM (IST)

नेशनल डेस्कः पिछले हफ्ते पेश किए गए बजट में घोषित की गई कर माफी योजना से प्रधानमंत्री मोदी 60,000 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में पहुंचाना चाहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बेलआऊट पैकेज का लाभ वे लोग भी उठा सकते हैं जिन्हें नोटबंदी योजना के तहत नोटिस जारी किए गए थे।

नवम्बर 2016 में सामने आए कुल 4.78 लाख विवादित मामलों में  87,000 नोटिस नोटबंदी योजना के तहत जारी किए गए थे जो 11 लाख करोड़ रुपए के कर से संबंधित थे। इन संदिग्ध कर चोरी करने वालों के लिए यह अंतिम माफी योजना लाने में पी.एम. मोदी की व्यक्तिगत रुचि थी जिसमें पैनल्टी और ब्याज के बिना कर अदायगी का प्रावधान है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) को उम्मीद है कि इस माफी योजना से 60,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त एकत्रित किए जा सकते हैं। 

इस योजना से कोर्ट में चल रहे कर विवादों से भी मुक्ति मिलेगी। यह योजना 30 जून 2020 तक लागू रहेगी जिससे देश भर के हजारों ज्वैलरों द्वारा लाभ उठाने की संभावना है। अकेले मुम्बई के 500 से ज्यादा ज्वैलर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना का नाम ‘‘विवाद से विश्वास’’ रखा गया है और इसका मकसद इंकम टैक्स कमिश्नर, ट्रिब्यूनल्स और अदालतों के स्तर पर पैंडिंग मामलों में कमी लाना भी है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से पैंडिंग मामलों में काफी कमी आएगी क्योंकि इसके तहत बिना ब्याज और बिना पैनल्टी के प्रिंसीपल अमाऊंट जमा करवाना होगा जो करदाताओं के पास लंबे समय से बकाया है। 

केवल कमिश्नर के स्तर पर ही 5.71 लाख करोड़ के मामले लंबित हैं। इस राशि को सरकार 31 मार्च तक हासिल करना चाहती है। जो लोग जून 2020 तक विवादों को निपटाना चाहते हैं उन्हें 5 प्रतिशत अतिरिक्त राशि अदा करनी होगी। यह माफी योजना उस योजना की तर्ज पर है जो पी.एम. ने 2019 के बजट में अप्रत्यक्ष कर के लिए घोषित की थी। सबका विश्वास योजना से सरकार के खाते में 35,000 करोड़ रुपए आए थे और 1.61 लाख मामलों का निपटारा हुआ था। इन विवादों में कुल 80,000 करोड़ रुपए फंसे हुए थे। योजना के तहत 70 प्रतिशत कर अदायगी और 100 प्रतिशत ब्याज को छोड़ दिया गया था। लेकिन प्रत्यक्ष कर संबंधी इस योजना में प्रिंसीपल टैक्स डिमांड में कोई राहत नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री इस योजना की सफलता को लेकर काफी उत्साहित हैं और यही कारण है कि आज हुई रैली में उन्होंने बार-बार इसका जिक्र किया।

Pardeep

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