नॉनवेज ठेले हटाने पर गुजरात हाईकोर्ट की सरकार को फटकार-मैं क्या खाऊंगा, अब आप यह तय करेंगे?

Friday, Dec 10, 2021 - 04:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य के सबसे बड़े शहर और वाणिज्यिक राजधानी अहमदाबाद में भाजपा-शासित महानगरपालिका की ओर से कथित तौर पर मांसाहारी भोजन विक्रेताओं के ठेले और लारियों तथा स्टॉल को सड़क किनारे से हटाने के अभियान पर कड़ी आपात्ति जताई और यह टिप्पणी की कि सत्ता में बैठे लोगों के अहं की तुष्टि के लिए ऐसा नहीं किया जा सकता। जस्टिस वीरेन वैष्णव की अदालत ने ऐसे विक्रेताओं की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आज अपनी मौखिक टिप्पणी में महानगरपालिका के वकील से कहा कि आप कैसे तय कर सकते हैं कि लोगों को क्या खाना चाहिए। वह भी अचानक और इसलिए कि सत्ता में बैठा कोई व्यक्ति ऐसा करना चाहता है। कल आप अचानक मुझे ही कह सकते हैं कि मुझे बाहर नही खाना चाहिए। या मुझे गन्ने का रस नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे मधुमेह हो सकता है या कॉफ़ी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

 

अदालत ने पूछा कि क्यों शहर की सड़कों के किनारे से मांसाहारी खाने के स्टॉल और ठेलों को हटाया या ज़ब्त किया जा रहा है। अदालत ने महानगरपालिका को कड़ी चेतावनी देते हुए टिप्पणी की, ‘लोग ओमलेट और अंडे बेचते थे और रातोंरात आपने उन्हें उठा कर फेंक दिया क्योंकि सत्तारूढ़ दल ने ऐसा फैसला किया। केवल इसलिए कि सत्तारूढ़ दल ऐसा चाहता है आपने उनके ठेले हटा दिए। आप लोगों में भेदभाव करने का दुस्साहस कैसे कर रहे हैं। कुछ लोगों के अहं को संतुष्ट करने के लिए ऐसे अभियान नहीं चलाए।‘ महानगरपालिका के वकील ने इस पर कहा कि लोगों में भेदभाव नहीं किया जा रहा है बल्कि यातायात को बाधित करने वाले अतिक्रमण करने वाले ठेले लारियों को हटाया जा रहा है। मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वालों को चिन्हित कर केवल उन्हें ही हटाने जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन भी लारियों आदि को ज़ब्त किया गया है उस बारे में एएमसी कानूनी रूप से कार्रवाई करेगी।

Seema Sharma

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