सरकार ने दिया ‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर’ चैलेंज, मिलेगा इतना इनाम

punjabkesari.in Tuesday, Aug 18, 2020 - 10:46 PM (IST)

नई दिल्लीः संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज ‘‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज- आत्मनिर्भर भारत के लिए नवाचार समाधान'' लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य देश में स्टार्ट-अप, नवाचार और अनुसंधान के मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र को और गति प्रदान करना है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के माइक्रोप्रोसेसर विकास कार्यक्रम के तत्वावधान में आईआईटी मद्रास और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सीडैक) ने ओपन सोर्स आकिर्टेक्चर का उपयोग करते हुए शक्ति (32 बिट) और वेगा (64 बिट) नामक दो माइक्रोप्रोसेसर विकसित किए हैं।
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‘‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज- आत्मनिर्भर भारत के लिए नवाचार समाधान'' के तहत नवोन्मेषी, स्टार्टअप और छात्रों को आमंत्रित किया गया है कि वे इन माइक्रोप्रोसेसरों का उपयोग करते हुए विभिन्न टेक्नोलॉजी उत्पादों को विकसित करें। श्री प्रसाद ने कहा कि आत्मनिर्भरता की महत्वाकांक्षा को साकार करने की दिशा में ठोस प्रयास और आत्मनिर्भर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, इस पहल का उद्देश्य न केवल रणनीतिक और औद्योगिक क्षेत्रों की भारत की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करना है, बल्कि इस पहल में सुरक्षा, लाइसेंसिंग, प्रौद्योगिकी अप्रचलन से जुड़े मुद्दों का समाधान करने और सबसे महत्वपूर्ण, आयात पर निर्भरता में कटौती करने की क्षमता भी है।
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देश और विदेश स्थित फाउंड्री में इन अत्याधुनिक प्रोसेसर वेरिएंट का डिजाइन, विकास और निर्माण; देश में इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण के जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र के अंतिम लक्ष्य के लिए तेजी से आगे बढ़ने की दिशा में एक सफल कदम है। ‘‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज'' इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा देश में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनाने के मामले में सबसे आगे रहने के लिए सक्रिय, पूर्वनिर्धारित और श्रेणीबद्ध उपायों की श्रृंखला का हिस्सा है। यह प्रतिस्पर्धा सभी छात्रों औए स्टाटर्अप्स के लिए खुली है और प्रतियोगियों से अपेक्षा रखती है कि वे इन स्वदेशी प्रोसेसर आईपी के साथ न केवल बदलाव करें और सामाजिक आवश्यकताओं के लिए किफायती समाधान प्रस्तुत करें, बल्कि स्वदेशी प्रोसेसर के लिए सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराएं, ताकि निकट भविष्य में वैश्विक और घरेलू आवश्यकताओं दोनों को पूरा करने के लिए जटिल डिजाइनों को विकसित किया जा सके।
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इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय प्रतियोगियों और प्रौद्योगिकी संसाधनों को विभिन्न प्रकार के लाभों की पेशकश करता है। इसमें न केवल देश के सबसे अच्छे वीएलएसआई और इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन विशेषज्ञों से इंटर्नशिप का अवसर और नियमित तकनीकी मार्गदर्शन शामिल है, बल्कि इनक्यूबेशन केन्द्रों द्वारा व्यवसाय और फंडिंग समर्थन भी शामिल हैं। हाडर्वेयर प्रोटोटाइप को विकसित करने और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन के लिए चैलेंज के विभिन्न चरणों में 4.30 करोड़ के वित्तीय समर्थन की पेशकश की जा रही है। इस चैलेंज के अवधि 10 महीने की है जिसके लिए आज से पंजीयन प्रक्रिया शुरू हो गई है जो जून 2021 में समाप्त होगी।
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प्रतिस्पर्धा के अंतर्गत सेमी-फाइनल में पहुँचने वाली 100 टीमों को पुरस्कार के रूप में कुल एक करोड़ रुपए जीतने का अवसर प्राप्त होगा, जबकि फाइनल में पहुंचने वाली 25 टीमों को पुरस्कार के रूप में कुल एक करोड़ रुपए जीतने का मौका मिलेगा। फिनाले में प्रवेश करने वाली शीर्ष 10 टीमों को कुल 2.30 करोड़ रुपये का सीड-फण्ड प्राप्त होगा और 12 महीने तक इन्क्यूबेशन समर्थन मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण, प्रतिभागियों को स्वदेशी प्रोसेसर के उपयोग से अपने नवाचारों के निर्माण का अवसर मिलेगा, वे ऐसे प्लेटफार्म पर अपने नवाचार प्रदर्शित कर सकेंगे जहाँ बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखेंगे और उन्हें विचार से बाज़ार तक पहुँचने की सुविधा मिलेगी। इस प्रकार प्रतिभागियों को सरकार के आत्मनिर्भरता के समग्र मिशन में योगदान करने का मौका मिलेगा।


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Yaspal

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