जापान में रखीं नेताजी की अस्थियां भारत लाए सरकार, DNA टेस्ट भी हो...सुभाष चंद्र बोस की बेटी की मांग

Thursday, Aug 18, 2022 - 03:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ ने कहा कि वह टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखी अस्थियों की DNA जांच के लिए भारत और जापान की सरकारों से जल्द संपर्क करेंगी। फाफ ने  एक इंटरव्यू में कहा कि जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, तो ऐसे में बोस के जीवन से जुड़े रहस्यों को सुलझाना और अस्थियों को भारत लाना स्वतंत्रता सेनानी को असल श्रद्धांजलि होगी।

 

बेटी अनीता ने कहा, ‘‘नेता जी की बेटी होने के नाते, मैं चाहती हूं कि इसके (रहस्य के) बारे में मेरे जीवित रहते पता चल जाए। मैं डीएनए जांच के लिए जल्द ही भारत सरकार से आधिकारिक रूप से संपर्क करूंगी। मैं उनके जवाब का कुछ देर इंतजार करूंगी, यदि मुझे जवाब मिलता है, तो यह अच्छा होगा और यदि मुझे उत्तर नहीं मिलता, तो मैं जापान सरकार से संपर्क करूंगी। यदि सरकार मान जाती है या वे मुझे इस दिशा में आगे बढ़ने को कहते हैं और स्वयं इसमें शामिल नहीं होना चाहते, तो मैं इस संबंध में आगे बढ़ सकती हूं।''

 

जर्मन नागरिक फाफ ने कहा कि उन्होंने पूर्व में कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान भारत सरकार से संपर्क किया था, लेकिन उन्हें इसका कभी जवाब नहीं मिला। उन्होंने जर्मनी से फोन पर कहा, ‘‘इस बार मैं ज्यादा देर नहीं करूंगी। covid-19 संबंधी स्थिति ने पहले ही इस मामले में दो साल की देरी कर दी है। मैं साथ- साथ जापान सरकार के भी संपर्क में रहूंगी। प्रारंभ में, जापान सरकार ने अस्थियां रखने का फैसला किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह कुछ महीनों की बात है, लेकिन अब 77 साल हो गए हैं।'' अर्थशास्त्री फाफ ने कहा, ‘‘मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहती। कुछ लोग नेताजी के जीवन और उससे जुड़े रहस्यों में राजनीतिक लाभ देखते हैं, लेकिन आम तौर पर लोगों का यह रुख नहीं है। अब भी अधिकतर लोग उनकी सराहना करते हैं और राजनीति में शामिल नहीं होते।''

 

अनीता ने कहा कि भाजपा नीत भारत सरकार बोस की विरासत के सम्मान के लिए अधिक काम कर रही है। फाफ ने कहा कि यह मेरे लिए रहस्य नहीं है, क्योंकि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि उनका विमान दुर्घटना में निधन हो गया, लेकिन मैं उनकी अस्थियों को उनकी मातृभूमि में वापस लाना चाहती हूं। मैं अपने पिता की यह सेवा करना चाहती हूं।'' उन्होंने कहा कि अब उन्नत प्रौद्योगिकी की मदद से अत्याधुनिक तरीके से डीएनए जांच की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों को संदेह है कि क्या नेताजी का निधन 18 अगस्त, 1945 को हुआ था या नहीं, तो यह इस बात का वैज्ञानिक साक्ष्य हासिल करने का मौका है कि तोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखी अस्थियां उनकी ही हैं। बता दें कि नेताजी की मौत को लेकर रहस्य कायम है। ऐसा माना जाता है कि 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। दो जांच आयोगों ने कहा है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में हुई थी जबकि तीसरे जांच आयोग ने कहा कि बोस इसके बाद भी जीवित थे।

Seema Sharma

Advertising