Google से दवा नहीं आप सर्च कर रहे बीमारियां

Saturday, Jan 11, 2020 - 08:53 AM (IST)

नई दिल्लीः गूगल से दवा नहीं आप सर्च कर रहे बीमारियांगूगल,दवा,ऑनलाइनलखनऊ: कोई तकलीफ होने पर गूगल सर्च करके खुद-ब-खुद दवाएं लेना खतरनाक साबित हो रहा है। गूगल से दवा नहीं आप सर्च बीमारियां कर रहे हैं। दर्द सहित अन्य तकलीफ होने पर लगातार कोई दवा खाना लिवर और किडनी पर असर डाल सकता है। के.जी.एम.यू. में पेन क्लिनिक की ओ.पी.डी. में आने वाले मरीजों में 10 फीसदी मरीज ऐसे होते हैं, जो गूगल सर्च करके दवा खाने से बड़ी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इनमें से ज्यादातर युवा होते हैं या फिर ऐसे बुजुर्ग जिनकी देखरेख करने वाले युवा हैं।
 

साबित हो रहा जानलेवा
सामान्य दर्द और अन्य मामूली तकलीफ होने पर अक्सर लोग गूगल सर्च करके ऑनलाइन ही दवा मंगवा लेते हैं। पेन क्लिनिक में आए एक मरीज ने भी ऐसा ही किया। शुरू में दवा खाने पर आराम मिलता रहा। दर्द होने पर दवा खा लेता था। धीरे-धीरे दवा की लत लग गई और कुछ समय बाद दवा का असर कम होने पर हाई डोज लेनी शुरू कर दी। दिक्कत बढऩे पर के.जी.एम.यू. स्थित पेन क्लिनिक में दिखाने पहुंचे तो जांच के बाद पता चला कि ज्यादा पेन किलर खाने से किडनी पर असर पडऩे लगा है। पेन क्लिनिक के डॉ. अजय चौधरी के अनुसार पहले महीने में ऐसे 10-12 मरीज आते थे। हालांकि धीरे-धीरे संख्या बढ़ती जा रही है।
 

बिना डॉक्टरी सलाह पेन किलर नुक्सानदेह
डा. अजय के अनुसार महीने में एक-दो बार पेन किलर लेने में कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि लगातार दर्द होने और बार-बार पेन किलर लेने की जरूरत पर सचेत हो जाना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। इंटरनैट पर सर्च करके या मैडीकल स्टोर संचालक की सलाह पर दवा लेना जानलेवा साबित हो सकता है।


पेन क्लिनिक में यह पता चला

  • 40 से 50 मरीज आते हैं हर ओ.पी.डी. में
  • 160 से 200 मरीज आते हैं हर हफ्ते
  • 10 से 15 मरीज गूगल पर बीमारी सर्च करके दवा खाने वाले होते हैं
  • 10 इनमें से क्रॉनिक पेन के होते हैं
  • 25 फीसदी कैंसर के क्रॉनिक पेन के मरीज होते हैं।

Anil dev

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