भारत की धरती में छिपा ‘सोने का खजाना’: जानिए कहां-कहां हैं देश की सबसे बड़ी गोल्ड माइंस!

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 01:08 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत में सोने की चमक सिर्फ बाज़ार और शादियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब इसकी चमक देश की धरती के अंदर से भी निकल रही है। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के पास सिहोरा तहसील के महगवां केवलारी गांव में सोने का विशाल भंडार मिलने की पुष्टि ने सभी को चौंका दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज राज्य की आर्थिक तस्वीर बदल सकती है।

कहां मिला है नया सोने का भंडार?

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की टीम ने कई सालों के गहन अध्ययन और सर्वे के बाद इस क्षेत्र में लगभग 100 हेक्टेयर में फैले लाखों टन सोने के संभावित भंडार की पहचान की है। ये भंडार न सिर्फ खनन और रोजगार के नए अवसर लाएगा, बल्कि भारत को सोने के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग हो सकती है।

भारत के पास कितना सोना है?

  • भारतीय खनिज ब्यूरो (IBM) के मुताबिक, 31 मार्च 2025 तक भारत में कुल अनुमानित 879.58 मीट्रिक टन सोने का भंडार है।

  • भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, लेकिन उत्पादन के मामले में पीछे है — इसीलिए ऐसी नई खोजें बहुत अहम हैं।

भारत की 5 सबसे बड़ी और चर्चित गोल्ड माइंस:

हट्टी गोल्ड माइंस (कर्नाटक)

  • भारत की सबसे पुरानी और सक्रिय खदान।

  • हर साल करीब 1.8 टन सोना निकलता है।

  • करीब 2000 साल पुराना इतिहास, और आज भी सरकार के स्वामित्व में चालू है।

 कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF), कर्नाटक

  • ब्रिटिश काल में 1880 से शुरू हुआ खनन।

  • अब तक 800 टन से ज्यादा सोना निकाला जा चुका है।

  • 2001 में बंद, लेकिन इसे फिर से शुरू करने की योजना बन रही है।

सोनभद्र, उत्तर प्रदेश

  • 2020 में सोने का संभावित भंडार मिला।

  • यदि पुष्टि होती है, तो उत्तर प्रदेश गोल्ड हब बन सकता है।

  • अनुमान है कि 3000 टन तक सोना हो सकता है, हालांकि सरकारी पुष्टि अभी लंबित है।

रामगिरी गोल्ड फील्ड, आंध्र प्रदेश

  • ऐतिहासिक और पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र।

  • भविष्य में खनन कार्य की संभावनाएं प्रबल।

 चिगरगुंटा-बिसनाथम, आंध्र प्रदेश

  • कम ज्ञात लेकिन भविष्य के लिए रणनीतिक क्षेत्र।

  • यहां से निकलने वाला सोना, देश की कुल सप्लाई में अहम योगदान दे सकता है।

 क्या कहता है यह खोज देश के लिए?

  • नई खदानों की खोज से भारत के सोने के आयात पर निर्भरता कम हो सकती है।

  • रोजगार, स्थानीय विकास और खनन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा।

  • भारत का सपना — “मेक इन इंडिया टू माइन इन इंडिया” — एक नई दिशा में बढ़ सकता है।


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Content Writer

Pardeep

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