5 करोड़ खर्च करने के बावजूद पूरा नहीं हुआ GNM स्कूल

Thursday, Aug 31, 2017 - 01:43 PM (IST)

जम्मू : प्रशासनिक विलंब और प्राथमिकता व प्रतिबद्धता को नजरअंदाज करने के कारण स्वास्थ्य विभाग में जनरल नॢसंग एण्ड मिडविफेरी ट्रेनिंग स्कूल (जी.एन.एम.) का भवन 5 करोड़ रूपए की लागत से तैयार तो हुआ लेकिन मात्र 35 लाख रूपए की अनुमानित राशि के शेष 15 छोटे-छोटे कार्यों के कारण स्कूल कार्यात्मक नहीं बन सका और इसका लाभ लाभाॢथयों को नहीं मिला।


भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षण (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा में प्रशासनिक तालमेल में कमी, प्रतिबंद्धता की कमी के कारण जी.एन.एम. भवन को कार्यात्मक नहीं बनाया जा सका। जमीनी स्तर पर प्रसव / प्रसूति देखभाल सेवा प्रदान करने के साथ-साथ अस्पतालों और समुदाय स्तर पर कुशल स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति को सुनिश्चित बनाने के लिए विभाग ने जी.एन.एम. भवन के निर्माण किया ताकि लोगों को दरवाजे तक महिलाओं के लिए आपातकालीन डिलीवरी देखभाल सेवा को पहुंचाया सके। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने (जुलाई 2011) जम्मू और कश्मीर आवास बोर्ड के माध्यम से केन्द्रीय प्रायोजित योजना ‘राज्य नर्सिंग सेवाओं के उन्नयन / सुदृढ़ीकरण’ के अंतर्गत अखनूर (जिला जम्मू) में छात्रावास सुविधा के साथ एक जी.एन.एम. भवन के निर्माण की योजना बनाई। यह इमारत एक कामकाजी सत्र (अगस्त 2012) के भीतर 5.35 करोड़ की अनुमानित लागत से पूरा करनी थी।


जम्मू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अभिलेखों की जांच के अनुसार, प्रशासनिक अनुमोदन के बाद जम्मू एवं कश्मीर आवास बोर्ड के पक्ष में 5 करोड़ रुपये की राशि (अगस्त 2011) में जारी की गई और बोर्ड ने कार्य के निष्पादन का उप महाप्रबंधक हाउसिंग यूनिट -1 जम्मू को भवन निर्माण का जिम्मा सौंपा। निष्पादन एजेंसी ने (अक्तूबर 2014) में 5 करोड़ के व्यय के बाद निष्पादन कार्य को रोक दिया और अतिरिक्त धनराशि की मांग की। हांलाकि 5 करोड़ रूपए की लागत से भवन का निर्माण कार्य तो पूरा हो गया लेकिन कुछ छोटे 15 कार्यों का निष्पादन न होने के कारण भवन को संचालित नहीं किया जा सका। डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज (डी.एच.एस) जम्मू ने (अगस्त 2015) में कहा कि निष्पादन एजेंसी द्वारा 35 लाख रूपए की निधि की मांग की गई है जिसे शेष काम पूरा करने के लिए व्यवस्था की जा रही है।

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