सरकार ने माना, एनजीओ नौकरियों का लालच देकर बेच रहे लड़कियां

Tuesday, Jul 24, 2018 - 07:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः समाज की भलाई के नाम पर चल रहे कई एनजीओ में गंदा खेल खेला जा रहा है। यह हजारों गरीब लड़कियों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल रहे हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें झारखंड से मिली हैं। यहां आदिवासियों की बच्चियों में समाजसेवा का ढोंग रचाकर कई एनजीओ लड़कियों को बरगलाने में जुटे हैं। 10 से 17 साल तक की अविवाहित लड़कियों को नौकरी का लॉलीपाप देकर उन्हें शहर ले जाकर बेचने का काला धंधा चल रहा है।

रोजगार के नाम पर बेचने की घटनांए आई सामने
नौकरियों के नाम पर लड़कियों को बेचे जाने की बात खुद केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में कबूली है। एक लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने माना कि झारखंड की सीआईडी ने ऐसी घटनाओं की पुष्टि की है। राज्य के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों की नाबालिग लड़कियों को रोजगार दिलाने के नाम पर उन्हें बेचने की घटनाएं सामने आई हैं।



झारखंड के बीजेपी सांसद रवींद्र राय के सवाल पर केंद्र सरकार ने बताया कि झारखंड सरकार ने संबंधित एनजीओ और प्लेसमेंट इकाइयों के खिलाफ एक्शन के लिए कवायद शुरू कर की है। शिकायत वाले आठ जिलों में मानव तस्करी रोधी इकाई थानों का गठन किया गया है। जिला विकास आयुक्त, जिला कल्याण अधिकारी और श्रम अधिकारी को बच्चों को बचाने और जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक श्रमायुक्त को उनके पुर्नवास की जिम्मेदारी दी गई है।



जनजातीय इलाकों में सक्रिय हैं दलाल
स्थानीय लोगों के अनुसार झारखंड और सटे छत्तीसगढ़ के जनजातीय इलाकों में कुछ दलाल सक्रिय हैं। जो कुछ एनजीओ और प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए काम करते हैं। गरीब आदिवासी परिवारों को पहले चिन्हित करते हैं फिर माता-पिता को 10-15 हजार रुपये देकर नाबालिग लड़कियों को शहर में नौकरी दिलाने की बात करके साथ ले जाते हैं।



कई परिवारों को बरगलाकर वे एक साथ कई लड़कियों को मुंबई, दिल्ली समेत कई अन्य शहरों में चले जाते हैं। जहां बाद में लड़कियों को अपने साथ हुए धोखे का पता चलता है। वहां उन्हें नौकरी तो नहीं मिलती, लेकिन जिस्मफरोशी के दलदल में जरूर फंसना पड़ता है।   

Yaspal

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