गिरिराज सिंह का विवादित बयान- ख्वाजा का नहीं भारत माता का हिंदुस्तान

Thursday, Oct 05, 2017 - 07:09 PM (IST)

नवादा: बिहार के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने एक विवादित बयान के कारण चर्चे में हैं। उन्होंने यह बयान अपने संसदीय क्षेत्र नवादा से दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि ख्वाजा का हिंदुस्तान चाहने वाले 1947 में पाकिस्तान चले गए।इस दौरान गिरिराज का यह भी कहना था कि नवादा में दुर्गा पूजा के दौरान दो पक्षों में संघर्ष के बाद हिंदुओं को प्रताडि़त किया जा रहा है।

गिरिराज ने कहा, सामाजिक समरसता, भारत माता और वंदे मातरम् हमारा मूलमंत्र है। भारत का विभाजन नहीं होने देंगे। जो लोग ख्वाजा का हिंदुस्तान बनाना चाहते हैं, उन्हें हाथ जोड़कर कहना चाहता हूं कि ख्वाजा का हिंदुस्तान बनाने वाले 1947 में ही पाकिस्तान चले गए थे। अब भारत का विभाजन नहीं होने देंगे। अकबरपुर में प्रतिमा के खंडन किए जाने के बारे में बोलते हुए  गिरिराज ने कहा, अकबरपुर के लोग धन्यवाद के पात्र हैं, जो प्रतिमा खंडित होने के बावजूद उन्होंने शांति कायम रखी। ऐसे लोगों को प्रशासन को पूजना चाहिए। लेकिन उनका नाम गलत तरीके से केस में डाला जा रहा है।

पोस्टर बना बयान का कारण
दरअसल गिरिराज के बयान की वजह एक पोस्टर को बताया जा रहा है। नवादा के अकबरपुर इलाके में एक पोस्टर पर ख्वाजा का हिंदुस्तान लिखा हुआ था। इसी को लेकर नवादा परिसदन के सभा कक्ष में गिरिराज सिंह ने यह विवादित बयान दिया है। गिराराज ने बयान को आगे बढ़ाते हुए कहा,गली-मोहल्ले में विभाजन की लकीर खींची जा रही है। अकबरपुर में ताजिया जुलूस में बैनर में लिखा था कि यह ख्वाजा का हिंदुस्तान है। लेकिन यह ख्वाजा का नहीं भारत माता का हिंदुस्तान है। गिरिराज ने कहा कि अगर निर्दोषों को न्याय नहीं मिला तो वह जनता के बीच जाकर फैसला लेंगे कि आगे क्या कदम उठाना है। नवादा में 7 दिनों से इंटरनेट पर बंद रहने को लेकर उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है।

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