खतरनाक जंगल में 2 बेटियों को दिया जन्म, सांपों के साथ नहाना... 8 साल बाद रूसी महिला को ऐसे किया गया रेस्क्यू
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 05:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कर्नाटक के गोकर्ण के रामतीर्थ पहाड़ी इलाके में एक खतरनाक गुफा से 40 साल की रूसी महिला नीना कुटीना उर्फ मोही और उनकी दो बेटियों को पुलिस ने रेस्क्यू किया है। नीना अपनी बेटियों के साथ पिछले दो महीने से उस गुफा में रह रही थीं। उन्होंने पुलिस को बताया कि गुफा में रहने के उनके दिन खत्म हो गए हैं और अब उन्हें एक जेल जैसी जगह में रखा गया है, जहां खुला आसमान नहीं है, न घास है और न ही कोई झरना। उन्होंने अपने रिश्तेदार को व्हाट्सएप पर लिखा कि वे जंगल से दूर होकर बहुत दुखी हैं।
नीना 2016 में बिजनेस वीजा पर भारत आई थीं और शुरुआत में गोवा में रहीं। बाद में उनका ध्यान हिंदू धर्म की तरफ गया और वे गोकर्ण आ गईं, जहां उन्होंने अध्यात्म की राह पकड़ ली। 2017 में उनका वीजा खत्म हो गया, लेकिन वे इमिग्रेशन अधिकारियों से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाकों की बजाय जंगलों में रहने लगीं। पिछले आठ सालों से नीना और उनकी बेटियां जंगलों में एकांत जीवन जी रही थीं।
पुलिस ने बताया कि गुफा में भगवान शिव की मूर्ति, रूसी किताबें और हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें थीं। नीना अपने बच्चों को यहां मेडिटेशन, योगा, चित्रकला और मंत्रोच्चारण सिखा रही थीं। नीना की बेटियों का जन्म भारत में हुआ है, लेकिन बच्चों के पिता के बारे में नीना ने कोई जानकारी नहीं दी है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या उन्होंने बच्चों के जन्म के वक्त कोई मेडिकल सहायता ली थी।
पुलिस ने नीना को गुफा छोड़ने को कहा तो उन्होंने सांपों को अपना दोस्त बताया और कहा कि जब तक वे उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते, वे भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते। भूस्खलन के खतरे के बारे में बताया जाने पर ही वे गुफा छोड़ने को राजी हुईं।
रेस्क्यू के बाद नीना और उनकी बेटियां एक आश्रम में लाई गईं, जहां वे पहली बार बिस्तर, बिजली और साफ-सुथरे माहौल को देखकर खुश हुईं। पुलिस अधिकारी सब-इंस्पेक्टर श्रीधर एस आर ने बताया कि नीना ने अपनी बेटियों के साथ काफी कम संसाधनों में जीवन बिताया, लेकिन वे दोनों स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर हैं।
नीना ने पुलिस को एक मैसेज भी भेजा जिसमें उन्होंने कहा कि वे भारत, जंगल और मेडिटेशन से प्यार करती हैं, लेकिन पुलिस की वजह से उन्हें ये सब छोड़कर जाना पड़ रहा है। नीना और उनकी बेटियों को अब भारत से रूस वापस भेजा जाएगा। इसके लिए उन्हें 14 जुलाई को बेंगलुरु के शांतिनगर में एफआरआरओ के समक्ष पेश किया गया।