गैस के गुब्बार में राजधानी, CM केजरीवाल ने मांगी केंद्र की मदद

Saturday, Nov 05, 2016 - 07:51 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि केन्द्र को स्मॉग के खतरनाक स्तर को घटाने में हस्तक्षेप करने की जरूरत है। दिल्ली एक तरह से ‘गैस के चैंबर’ में तब्दील हो गया है जिसकी मुख्य वजह पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में खेतों की आग है। 

CM केजरीवाल ने मांगी केंद्र की मदद 
प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सीएम केजरीवाल ने केंद्र की मदद मांगी है। केजरीवाल ने आज पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अनिल माधन दवे से भी मुलाकात कर जल्द ही इस बड़ी मुसीबत से निपटने के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र को हस्ताक्षेप करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि वाहनों पर पाबंदी जैसी सम-विषम योजना इस स्मॉग को कम करने में कारगर साबित नहीं होंगे क्योंकि अध्ययनों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा से प्रदूषण युक्त स्मोक के ‘व्यापक स्तर’ ने स्थिति को बद से बदतर कर बना दिया है। केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ प्रदूषण इस हद तक बढ़ गया है कि दिल्ली में वातावरण एक गैस चैंबर जैसा हो गया है। प्रथम दृष्टया इसका सबसे बड़ा कारण हरियाणा और पंजाब के खेतों में भारी मात्रा में खूंटी को जलाना प्रतीत होता है।’’  

लंबे समय तक स्कूलों के बंद रखना समाधान नहीं 
प्रदूषण के चलते नगर निगमों द्वारा संचालित स्कूलों को एक दिन के लिए बंद करने के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लंबे समय तक स्कूलों को बंद रखना एक व्यवहारिक समाधान नहीं है।  केजरीवाल ने किसानों को वैकल्पिक उपाय और प्रोत्साहन दिए जाने की वकालत की ताकि वे पारंपरिक व्यवस्था छोड़ दें। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के पास बहुत कम पद्धतियां हैं और केन्द्र को हस्तक्षेप करने की जरूरत है। ‘‘केन्द्र इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकर किसी समाधान की रूपरेखा तैयार कर सकता है। कुछ रपटों के मुताबिक जलाई जा रही खूंटी की मात्रा करीब 1.6 से 2 करोड़ टन है।’’ 

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