गडकरी का दावा- मोदीजी बहुमत से फिर बनेंगे प्रधानमंत्री

Tuesday, Apr 09, 2019 - 06:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  प्रधानमंत्री की कथित ‘‘आकांक्षाओं’’ को लेकर कुछ वर्गों के दावों पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने दोहराया कि नरेन्द्र मोदी पुन: प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने दावा किया कि कि उनकी पार्टी 11 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनाव में बहुमत प्राप्त करेगी।

पीएम उम्मीदवार की अटकलों को किया खारिज 
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि लोकतंत्र में विभाग प्रधानमंत्री आवंटित करता है।  किसी मंत्री को विभाग देना प्रधानमंत्री का अधिकार एवं विशेषाधिकार है। मुझे विश्वास है कि मोदीजी को बहुमत मिलेगा और वह पुन: प्रधानमंत्री बनेंगे। लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक गलियारों में इन अटकलों का बाजार गर्म था कि यदि विखंडित जनादेश आया तो गडकरी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। इन अटकलों की शुरुआत पिछले साल दिसंबर से तब हुई थी जब किसान नेता एवं वसंतराव नाइक शेति स्वावलम्बन मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने मांग की थी कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यदि चुनाव जीतना चाहता है तो उसे मोदी की जगह गडकरी को लाना चाहिए।    

भाजपा ने कल्याणकारी नीतियों के लिए उठाए कदम
इस धारणा को तब और बल मिला जब संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा लोकसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने देश की आधारभूत संरचान की बेहतरी के लिए किए गए शानदार काम को लेकर गडकरी की सराहना की थी। माना जाता है कि गडकरी को आरएसएस का समर्थन प्राप्त है। भाजपा नेता ने इस प्रकार की किसी महत्वकांक्षा से इंकार किया था। यह पूछे जाने पर कि सरकार की कल्याणकारी नीतियों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए क्या पार्टी के कुछ बड़बोले नेता जिम्मेदार हैं, उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक भाजपा ने भाषा के संयमित प्रयोग के लिए हमेशा कदम उठाये हैं।     

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र
गडकरी ने कहा कि कई बार मीडिया का कुछ वर्ग अधिक विवाद उत्पन्न करने में रुचि रखता है। विवाद पैदा करने के बजाय व्यक्ति को राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। अब समय आ गया है कि राजनीतिक दलों एवं मीडिया को आॢथक नीतियों एवं विकास संबंधित मुद्दों पर बोलना चाहिए। हमें चर्चा के स्तर को ऊपर उठाना चाहिए। यह लोकतंत्र में सभी पक्षों का दायित्व है। 

vasudha

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